Vigyapan Lekhan ka Sahi Tarika // Khand kavya ki Paribhasha// Mp board

Sachin ahirwar
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Hindi Vyakaran ke imp Question and answer // विज्ञापन लेखन // खंड काव्य // रस // अलंकार

 

प्रश्न विज्ञापन लेखन का सही तरीका क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- विज्ञापन लेखन का सही तरीका निम्न प्रकार है-

1.एक बॉक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे व बड़े अक्षरों में लिखना चाहिए।

2.दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।

3.बाईं ओर बीच में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।

उदाहरण के लिए





प्रश्न काल बैसाखी से क्या तात्पर्य है? यह स्थिति क्यों निर्मित होती है।

उत्तर-

काल बैसाखी- काल बैसाखी से तात्पर्य तेज गति से चलने वाले स्थानीय तूफ़ानों से है।

इस प्रकार के तूफान साधारण: बंगाल में आते हैं।

गर्म एवं शुष्क स्थानीय हवाएँ और आर्द्र समुद्री हवाएँ इसका कारण हैं।

इन हवाओं के मिलन के कारण मूसलाधार वर्षा होती है। तेज़ मूसलाधार वर्षा के साथ-साथ तीव्र गति के तूफ़ान भी आते हैं। इन तूफ़ानों को ही 'काल वैसाखी' कहा जाता है।

प्रश्न- खंड काव्य की परिभाषा देते हुए खंडकाव्य के नाम लिखिए? 

उत्तर- खंडकाव्य में किसी महान व्यक्ति के जीवन के किसी एक मार्मिक घटना का चित्रण होता है।

हिंदी के चार खंडकाव्य निम्नलिखित हैं- 

    1.  पंचवटी - मैथिलीशरण गुप्त   

2. सुदामा चरित्र- नरोत्तम   

 3. हल्दी घाटी - श्यामनारायण पाण्डेय  

4.  पार्वती मंगल- तुलसीदास

प्रश्न- मुक्तक काव्य की परिभाषा दीजिए? 

उत्तर- वह काव्य रचना जिसमें कथा नहीं होती तथा प्रत्येक छंद पूर्व छंद के प्रसंग से मुक्त होता है मुक्तक काव्य कहलाता है उदाहरण - बिहारी सतसई  की सखियां

विशेषताएं- मुक्तक काव्य में लोक व्यवहार और नैतिक  भावनाओं का समावेश होता है।

प्रश्न- रस की परिभाषा देते हुए रस के अंगों को      उदाहरण सहित समझाइए? 

उत्तर- परिभाषा_ किसी काव्य को पढ़ने ,सुनने या देखने के पाठक , श्रोता या दर्शक को जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहते हैं

इसके 4 अंग होते हैं- स्थाई भाव, विभाव , अनुभाव और संचारी भाव।

उदाहरण- राम को , निहारति जानकी कंकन के नग की , परछाही । यातै  सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही पल टारत नाही।।

उपयुक्त उदाहरण मैं आलंबन- राम, आश्रय सीता, संचारी भाव- सुधि भूलना, स्थायी भाव रति है।

प्रश्न -रस की निष्पत्ति कैसे होती है

प्रश्न- अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर- जहाँ किसी बात का या लोक मर्यादा का उल्लंघन करके अर्थात् बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया

जाता है, वहां अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

 उदाहरण- जेहि वर बाज, राम असवारा। 

तेहि सारदा, न बरनै पारा।।

प्रश्न- अन्योक्ति अलंकार को उदाहरण सहित बताइए।

अथवा

अन्योक्ति अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।

 उत्तर- जहाँ प्रस्तुत के माध्यम से अप्रस्तुत का अर्थ ध्वनित हो वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है अर्थात् जहाँ किसी बात को सीधे या प्रत्यक्ष न कहकर अप्रत्यक्ष रूप से कहते हैं वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है।

उदाहरण- नहिं पराग नहिं मधुर, मधु, नहिं विकास एहि काल। अली कली ही ते विंध्यो, आगे कौन हवाल॥

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