Mp board class 11th सरल रेखा में गति तथा समतल में गति || saral rekha me gati tatha samtal me gati

Sachin ahirwar
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 Mp board class 11th सरल रेखा में गति तथा समतल में गति || saral rekha me gati tatha samtal me gati | mp board class 11th saral rekha me gati questions and answers


इकाई 1

सरल रेखा में गति तथा समतल में गति

[Motion in a Straight Line and Motion in a Plane ]


[] महत्त्वपूर्ण तथ्य


1.दूरी तथा चाल अदिश राशि हैं जबकि विस्थापन, वेग तथा त्वरण सदिश राशियाँ है।


2.एकसमान गति में चाल नियत रहती है। एक सरल रेखा में गति में वेग नियत तथा त्वरण शून्य होता है जबकि क्षैतिज समतल में वृत्तीय गति में वेग एवं त्वरण की दिशा परिवर्तित होते रहने के कारण परिवती होते हैं, यद्यपि वेग तथा त्वरण दोनों का परिमाण नियत रहता है।


3.एक सरल रेखा में एकसमान गति के लिए S-t ग्राफ समय अक्ष से झुकी सरल रेखा तथा ग्राफ समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा होता है।


4.एक सरल रेखा में एकसमान त्वरित गति में S-t ग्राफ परवलयाकार v-t ग्राफ समय अक्ष से झुकी


5.सरल रेखा तथा a- t ग्राफ समय अक्ष में समान्तर सरल रेखा होता है।


6.प्रेक्षप्य गति एकसमान ऊर्ध्वाधर त्वरण के अन्तर्गत एक समतल में गति है जिसमें क्षैतिज वेग सदैव नियत रहता है, लेकिन ऊर्ध्वाधर वेग गुरुत्वीय त्वरण के साथ बदलता है। प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है।



अति लघु उत्तरीय प्रश्न


 प्रश्न 1. दूरी तथा विस्थापन की परिभाषा तथा इनके S.I. पद्धति में मात्रक लिखिए।


उत्तर- दूरी- किसी गतिशील वस्तु द्वारा किसी समय में तय किये गये रास्ते की लम्बाई को उस वस्तु द्वारा चली गयी दूरी कहते हैं। इसका S.I. पद्धति में मात्रक मीटर है।


विस्थापन-किसी गतिशील वस्तु द्वारा प्रारम्भिक तथा अन्तिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम चली दूरी को विस्थापन कहते हैं। इसका S.I. पद्धति में मात्रक मीटर है।


प्रश्न 2. चाल तथा वेग की परिभाषा तथा इनके S.I. पद्धति मात्रक लिखिए।


उत्तर- चाल-किसी गतिशील वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में चली गयी दूरी को चाल कहते हैं। इसका S.I. पद्धति में मात्रक मीटर/सेकण्ड है।


वेग-गतिशील वस्तु द्वारा एक निश्चित दिशा में एक सेकण्ड में चली गयी दूरी को वेग कहते हैं। इसका S. I. पद्धति में मात्रक मीटर/सेकण्ड है।


प्रश्न 3. त्वरण तथा मन्दन की परिभाषा एवं इनके मात्रक लिखिए।

उत्तर- त्वरण - समय के साथ वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। इसका S.I. पद्धति में मात्रक मीटर/सेकण्ड है। 


मन्दन–समय के साथ वस्तु के वेग में कमी की दर को मन्दन कहते हैं। इसका मात्रक भी मीटर/सेकण्ड है।


प्रश्न 4. एकसमान वेग का अर्थ समझाइए । 

उत्तर- यदि एक ही दिशा में एक सरल रेखा में गतिमान वस्तु समान समय में समान दूरी तय करती है तो वस्तु का वेग एकसमान होता है। 


प्रश्न 5. परिवर्ती वेग का अर्थ समझाइए ।

उत्तर- यदि वस्तु एक सरल रेखा में गतिमान है तथा समान समय अन्तराल में अलग-अलग दूरी तय करती है तो वस्तु का वेग परिवर्ती कहा जाता है।


प्रश्न 6. यदि दो कारों का स्थिति समय ग्राफ दो समान्तर रेखाओं से दिखाया गया है तो एक कार का दूसरी कार के सापेक्ष वेग क्या होगा ?

उत्तर - यदि दो कारों का स्थिति समय ग्राफ दो समान्तर रेखाओं से दिखाया गया है तो एक कार का दूसरी कार के सापेक्ष वेग शून्य होगा।


प्रश्न 8. अदिश राशि किसे कहते हैं ? इनके चार उदाहरण दीजिए। 

उत्तर- वे भौतिक राशियाँ जिनको पूर्णरूप से व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण की आवश्यकता होती है, अदिश राशियाँ कहलाती हैं। 

उदाहरण- द्रव्यमान, आयतन, ताप, समय 


प्रश्न 9. सदिश राशि किसे कहते हैं ? चार उदाहरण दीजिए। 

उत्तर- वे भौतिक राशियाँ जिनको पूर्णरूप से व्यक्त करने के लिये उनके परिमाण एवं दिशा दोनों का ज्ञान होना आवश्यक होता है, सदिश राशियाँ कहलाती हैं।


उदाहरण- वेग, त्वरण, बल, संवेग ।


प्रश्न 10. समान सदिश किन्हें कहते हैं ? समझाइए ।


उत्तर- ऐसे सदिश जिनके परिमाण तथा दिशा दोनों समान होते हैं, समान सदिश कहलाते हैं। 


उदाहरण के लिये, चित्र 2.1 में A = B.



प्रश्न 11. विपरीत सदिश किन्हें कहते हैं ? समझाइए । उत्तर- दो सदिश जिनके परिमाण तो समान हों, लेकिन दिशाएँ परस्पर विपरीत हों, विपरीत सदिश कहलाते हैं। चित्र 2.2 में A तथा A विपरीत सदिश हैं, 

अर्थात्    A = - B


प्रश्न 12. शून्य सदिश क्या है ?

उत्तर- वह सदिश जिसका परिमाण शून्य होता है, लेकिन दिशा कुछ नहीं होती है, शून्य सदिश कहलाता है। इसे संकेत द्वारा प्रदर्शित करते है


प्रश्न 13. सदिशों के योग का समान्तर चतुर्भुज नियम लिखिए। 

उत्तर- समान्तर चतुर्भुज नियम के अनुसार, यदि दो सदिशों को समान्तर चतुर्भुज की दो संलग्न भुजाओं द्वारा परिमाण तथा दिशा में प्रदर्शित किया जाता है तो इनका परिणामी सदिश, परिमाण तथा दिशा में समान्तर चतुर्भुज की उन दोनों भुजाओं के कटान बिन्दु से होकर जाने वाले विकर्ण द्वारा प्रदर्शित होता है।


लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1. एकविमीय, द्विविमीय तथा त्रिविमीय गतियों का अर्थ एक-एक उदाहरण देकर समझाइए । 

उत्तर

एकविमीय गति-जब कोई वस्तु एक सरल रेखा में गति करती है तो उसको गति को एकविमीय गति कहते हैं। उदाहरण के लिये, सीधी सड़क पर चलती हुई कार की गति। 


द्विविमीय गति - जब कोई वस्तु एक समतल में गति करती है तो उसकी गति को द्विविमीय गति कहते हैं। उदाहरण के लिये, वृत्तीय गति


त्रिविमीय गति-जब कोई वस्तु आकाश में गति करती है तो उसको गति को त्रिविमीय गति कहते हैं। उदाहरण के लिये, उड़ती हुई चिड़िया की गति ।


प्रश्न 2. दूरी एवं विस्थापन में पाँच अन्तर लिखिए



दूरी

विस्थापन

1.

यह किसी समय में वस्तु द्वारा तय किए गए रास्ते की लंबाई के बराबर होती है।

यह है किसी समय में वस्तु की स्थिति निर्देशाकों के अंतर के बराबर होता है।

2.

यह एक अदिश राशि है

यह एक सदस्य राशि है

3.

यह वस्तु द्वारा तय की गई रास्ते पर निर्भर करती है।

यह वस्तु द्वारा तय की गई रास्ते पर निर्भर नहीं करता है

4.

यह सदैव धनात्मक होती है

विस्थापन धनात्मक अथवा ऋणात्मक दोनों हो सकता है

5.

गतिमान वस्तु के लिए दूरी शून्य नहीं हो सकती है।

गतिमान वस्तु का विस्थापन शून्य हो सकता है

प्रश्न 3 चाल तथा वेग में कोई पांच अंतर लिखिए

उत्तर चाल तथा वेग में अंतर निम्नलिखित हैं



चाल

वेग

1.

गतिशील वस्तु द्वारा एक सेकंड में तय की गई दूरी को वस्तु की चाल कहते हैं

गतिशील वस्तु द्वारा किसी निश्चित दिशा में 1 सेकंड में तय की गई दूरी को वस्तु का बैग कहते हैं

2.

यह एक अदिश राशि है

यह एक सदिश राशि है

3.

चाल स्टेप धनात्मक होती है यह 0 नहीं होती है

यह धनात्मक ऋणात्मक  या 0 भी हो सकता है

4.

यदि बैग परिवर्ती है तो भी चाल एक समान हो सकती है

यदि चाल परिवर्ती है तो बैग भी परिवर्ती होगा।

5.

यह गति की दशा नहीं बताती है

यह गति की दशा बताता है




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