आदर्श विलयन और अनादर्श विलयन किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए। / aadarsh vilyan or anadarsh vilyan me antar, gun,dosh,visheshtaye
प्रश्न1. :- आदर्श विलयन और आनदर्श विलयन किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
अथवा
प्रश्न2. :- विलयन किसे कहते हैं आदर्श विलयन और अनादर्श विलयन में अंतर लिखिए।
उत्तर:- विलयन की परिभाषा:- दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।
आदर्श विलयन की परिभाषा:- आदर्श विलयन वे विलयन होते हैं जो सांद्रण एवं ताप की सभी परिस्थितियों में राउल्ट के नियम का पूर्णतः पालन करते हैं। तथा इनके बनने पर एंथैल्पी अथवा आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता है । आदर्श विलययन कहलाता है।
उदाहरण:- बेंजीन और टालुईन ,क्लोरो बेंजीन और ब्रोमो बेंजीन ।
अनादर्श विलयन की परिभाषा:- अनादर्श विलयन वे विलयन होते हैं जो राउल्ट के नियम का पालन नहीं करते हैं तथा जिनके बनने पर एंथैल्पी तथा आयतन दोनों में परिवर्तन होता है अनादर्श विलयन कहलाते हैं।
उदाहरण:- क्लोरोफॉर्म + एसीटोन , एसीटोन + CS2 , HCl +H2O ।
प्रश्न3:-आदर्श विलयन और अनादर्श विलयन में अंतर लिखिए।
उत्तर:- आदर्श विलयन और अनादर्श विलयन में अन्तर निम्नलिखित है-
प्रश्न4 :- वांट हॉफ कारक या गुणांक पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:-
वाण्ट हॉफ कारक (Vant Haff Factor):- कभी-कभी विलयन में विलेय पदार्थ के अणुओं का संगुणन या वियोजन हो जाता है जिससे विलयन में कणों की संख्या परिवर्तित हो जाती है इसलिए अणुसंख्यक गुण धर्मों के वास्तविक मान प्राप्त नहीं होते।
अणुसंख्यक गुण धर्मों के वास्तविक मान प्राप्त करने के लिए अथवा संगुणन या वियोजन की मात्रा ज्ञात करने के लिए वैज्ञानिक वाण्ट हॉफ ने कारक या गुणांक का उपयोग किया। जिसे वाण्ट हॉफ कारक या गुणांक कहते हैं। ऐसे i से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र:-
i = प्रेक्षित अणुसंख्यक गुणधर्म / वास्तविक अणुसंख्यक गुणधर्म
i = संगुणन या वियोजन के बाद कणों की संख्या / सामान्य अवस्था में कणों की संख्या
प्रश्न5:- वाण्ट हॉफ कारक या गुणांक के अनुप्रयोग लिखिए।
वाण्ट हॉफ कारक या गुणांक के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं-
(1) किसी पदार्थ के संगुणन या वियोजन की मात्रा ज्ञात करने में।
(2) विद्युत अपघट्य के वियोजन की मात्रा ज्ञात करने में।
(3) विभिन्न अणुसंख्यक गुणधर्मों के मान ज्ञात करने में।
