अनन्य और समावेशी श्रृंखला के बीच अंतर करें | चर के दो उदाहरण | भारत में ग्रामीण विकास क्यों महत्वपूर्ण

Sachin ahirwar
By -
0

 अनन्य और समावेशी श्रृंखला के बीच अंतर करें | चर के दो उदाहरण | भारत में ग्रामीण विकास क्यों महत्वपूर्ण


प्रश्न अनन्य और समावेशी श्रृंखला के बीच अंतर करें। प्रयत्न

उत्तर अनन्य और समावेशी श्रृंखला के बीच अंतर लिखिए-


अनन्य

समावेशी

1.

अनन्य विशेषण और संज्ञा के रूप में उपयोग किया जाता है।

समावेशी केवल एक विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है।

2.

अनन्य, एक विशेषण के रूप में, अर्थ को सीमित या निजी देने के लिए उपयोग किया जाता है

समावेशी, एक विशेषण के रूप में, अर्थ को व्यापक या पूर्ण देने के लिए उपयोग किया जाता है

3.

अनन्य का क्रियाविशेषण केवल विशेष रूप से है

समावेशी का क्रियान्वयन संपूर्ण रूप से है

अपवर्जी रीति में 1 वर्ग उच्च सीमा अगले वर्ग की निम्न सीमा के बराबर होती है इस रीति को अपवर्जी रीति कहते हैं। जैसे:- 0-10, 10-20, 20-30........

जब अपवर्जी विधि के समान एक वर्ग की उच्च सीमा दूसरे वर्ग की निम्न सीमा नहीं होती तब इसे समावेशी विधि कहते हैं। जैसे :- 0-9, 10-19, 20-29, ......


प्रश्न आँकड़ों के शाब्दिक प्रस्तुतीकरण की कोई दो सीमाएँ बताइए ।

Ans.  1. आंकड़ों का शाब्दिक रूप से प्रस्तुत करने पर उसमें त्रुटि की संभावना अधिक होती है। 


2. आंकड़ों का शाब्दिक रूप से प्रस्तुत करने से उन्हें विश्वसनीयता का अभाव पाया जाता है।


प्रश्न चर के दो उदाहरण दीजिए।


Ans. चर variables वस्तु या व्यक्तियों के समूह की विशेषताओं या गुण चर को कहते हैं। चरो विभिन्नता पाई जाती है भार, लंबाई, बुद्धि आदि के आधार पर।


चर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं -


1. मात्रात्मक 

2. गुणात्मक


प्रश्न फ्रीक्वेंसी ऐरे को परिभाषित करें।


Ans. फ्रीक्वेंसी एरे चरों के मूल्य की आवृत्ति वितरण सारणी फ्रीक्वेंसी एरे है। सांख्यिकी में आवृत्ति वितरण एक तालिका है जो किसी में विभिन्न परिणामों की आवृत्ति को दर्शाती है तालिका मैं किसी विशेष समूह के मूल्यों की आवृत्ति की गणना की जाती है।


प्रश्न भारत में ग्रामीण विकास क्यों महत्वपूर्ण है ? 

Ans. भारत की अधिकतर जनसंख्या गांव में निवास करती है अतः ग्रामीण विकास से ही राष्ट्र विकास की कल्पना की जा सकती हैं इसलिए भारत में ग्रामीण विकास काफी महत्व रखता है।

प्रश्न कृषि क्षेत्र इस सुधार से प्रतिकूल रूप से प्रभावित प्रतीत क्यों होता है।


Ans. आर्थिक सुधार 1991 में औद्योगीकरण पर अत्यधिक बल दिया गया था एवं इसकी नीतियां औद्योगिक सुधारो पर ही आधारित थी। आर्थिक सुधार 1991 का कृषि क्षेत्र प्रतिकूल प्रभाव ही पड़ा आर्थिक सुधारों से कृषि क्षेत्र को कोई लाभ नहीं हुआ जबकि वैश्वीकरण, उदारीकरण निजीकरण के नीतियों ने कृषि व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डाला कृषि भूमि औद्योगिक भूमि में परिवर्तित होती चली गई।


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)