Karmdharay samas or Brahubrihi samas me antar

Sachin ahirwar
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 पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर // लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर // वीर रस // संदेह तथा भ्रांतिमान अलंकार में अंतर // विरोधाभास अलंकार की विशेषताएं // कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में तीन अन्तर


प्रश्न पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर लिखिए।

उत्तर - पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर -


पाठ्य मुक्तक

गेय मुक्तक


इसमें विचार प्रधान रचनाएं होती हैं।

इसमें भावना प्रधान रचनाएं होती हैं।


इसमें भावों की अपेक्षा विचारों का प्रधान्य होता है।

इसमें संगीत की प्रधानता एवं कोमलकान्त पदावली होती है।


उदाहरण- कबीर, तुलसी एवं रहीम के नीति संबंधी दोहे तथा बिहारी एवं मतिराम के शृंगारपरक दोहे।

उदाहरण - कबीर, सूर, तुलसी, मीरा के गाये पद निराला, प्रसाद, पंत एवं महादेवी वर्मा की रचनाएँ।


प्रश्न लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर लिखिए।

उत्तर- लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर निम्नलिखित हैं-


लोकोक्ति

मुहावरे

1.

लोकोक्ति वाक्य के रूप में प्रयोग हो सकती है।

मुहावरे स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त नहीं हो सकता।

2.

लोकोक्ति के लिए एक तदनुरूप संदर्भ की आवश्यकता होती है।

मुहावरे के लिए संदर्भ की आवश्यकता नहीं होती है


3.

उदाहरण- काठ का उल्लू।

उदाहरण- आग बबूला होना।


प्रश्न वीर रस को परिभाषित करते हुए उदाहरण दीजिए।

उत्तर- सहृदय के हृदय में स्थित उत्साह नामक स्थाई भाव का जब विभाव अनुभाव और संचारी भाव से सहयोग होता है तब वहां वीर रस की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण-

हे सारथे! है द्रोण क्या, देवेंद्र भी आकर अड़े । 

है खेल क्षत्रिय बालकों का व्यूह भेदन कर लड़ें ।।


प्रश्न संदेह तथा भ्रांतिमान अलंकार में अंतर लिखिए।

उत्तर- संदेह एवं भ्रांतिमान अलंकार में अंतर निम्नलिखित हैं-


संदेह

भ्रांतिमान


इसमें संदेह वाचक शब्द होते हैं ।

इसमें भ्रम वाचक शब्द होते हैं ।


इसमें अनिश्चय की स्थिति बनी रहती है।

इसमें झूठ निश्चय हो जाता है।


इसमें हम स्वयं भ्रम दूर कर सकते हैं।

इसमें भ्रम दूर करना संभव नहीं है ।


उदाहरण-:लक्ष्मी थी या दुर्गा थी या, स्वयं वीरता की अवतार

उदाहरण-:समझ तुम्हें घनश्याम हरी नाच उठे वन मोर।


प्रश्न विरोधाभास अलंकार की विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- विशेषताएं- विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है। इस वाक्य में ज़हर को मीठा बताया गया है जबकि ये ज्ञातव्य है कि ज़हर मीठा नहीं होता। अतः, यहाँ पर विरोधाभास अलंकार की आवृति है।

प्रश्न विरोधाभास अलंकार की की परिभाषा विशेषताएं एवं उदाहरण लिखिए।
उत्तर- 

परिभाषा– जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। अर्थात जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है।

उदाहरण - कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय!

वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय ।


प्रश्न कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में तीन अन्तर लिखिए।

उत्तर- कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में अन्तर


कर्मधारय समास

बहुब्रीहि समास

1

कर्मधारय समास में पूर्व पद गौण तथा उत्तर पद प्रधान होता है।

बहुब्रीहि समास में दोनों पद गौण होते हैं।

2

कर्मधारय समास में एक पद विशेषण या विशेष्य होता है।

बहुब्रीहि समास में दोनों पदों के अर्थों से अलग अर्थ प्रकट होता है।

3

उदाहरण- दशानन- दश आनन ।

नीलकंठ - नीला है जो कंठ ।

उदाहरण - दशानन - दस मुख है जिसके अर्थात रावण । नीलकंठ - नीला कंठ है जिसका अर्थात् शिव ।




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