पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर // लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर // वीर रस // संदेह तथा भ्रांतिमान अलंकार में अंतर // विरोधाभास अलंकार की विशेषताएं // कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में तीन अन्तर
प्रश्न पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर लिखिए।
उत्तर - पाठ्य मुक्तक एवं गेय मुक्तक में अंतर -
प्रश्न लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर लिखिए।
उत्तर- लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न वीर रस को परिभाषित करते हुए उदाहरण दीजिए।
उत्तर- सहृदय के हृदय में स्थित उत्साह नामक स्थाई भाव का जब विभाव अनुभाव और संचारी भाव से सहयोग होता है तब वहां वीर रस की उत्पत्ति होती है।
उदाहरण-
हे सारथे! है द्रोण क्या, देवेंद्र भी आकर अड़े ।
है खेल क्षत्रिय बालकों का व्यूह भेदन कर लड़ें ।।
प्रश्न संदेह तथा भ्रांतिमान अलंकार में अंतर लिखिए।
उत्तर- संदेह एवं भ्रांतिमान अलंकार में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न विरोधाभास अलंकार की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- विशेषताएं- विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है। इस वाक्य में ज़हर को मीठा बताया गया है जबकि ये ज्ञातव्य है कि ज़हर मीठा नहीं होता। अतः, यहाँ पर विरोधाभास अलंकार की आवृति है।
प्रश्न विरोधाभास अलंकार की की परिभाषा विशेषताएं एवं उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
परिभाषा– जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। अर्थात जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है।
उदाहरण - कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय!
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय ।
प्रश्न कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में तीन अन्तर लिखिए।
उत्तर- कर्मधारय समास व बहुब्रीहि समास में अन्तर
