atp kise kahate hai / manusya me dant kshay ke karan / aamiba me poshan ki prakriya

Sachin ahirwar
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mp board class 10th vigyan // एटीपी / मनुष्य में दंत क्षरण के 2 कारण / अमीबा में पोषण की प्रक्रिया / न्यूलैंड का अष्टक नियम / जीवाश्म ईंधन / ग्रीन हाउस प्रभाव 



 प्रश्न एटीपी का पूरा नाम लिखिए। इसे ऊर्जा मुद्रा क्यों कहते हैं?


उत्तर- ATP का पूरा नाम एडिनोसिन ट्राई फास्फेट है। माइटोकॉण्ड्रिया में भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण से निकलने वाली ऊर्जा 38 ATP के रूप में संचित होती है। इसलिए इसे ऊर्जा मुद्रा कहते हैं।


प्रश्न  मनुष्य में दंत क्षरण के 2 कारण लिखिए। 

उत्तर- मनुष्य में दंत क्षरण के कारण निम्न हैं 
1. भोजन के बाद मुंह साफ न करने पर बैक्टीरिया एवं बचा हुआ भोजन अम्ल उत्पन्न करते हैं जिससे दंत क्षरण होता है।
2. अधिक शर्करा युक्त भोज्य पदार्थ तथा कोल्डड्रिंक्स आदि के सेवन से।


प्रश्न अमीबा में पोषण की प्रक्रिया किस प्रकार पूर्ण होती है?

उत्तर- अमीबा कोशिकीय सतह से अँगुली जैसे अस्थायी प्रवर्ध (पादाभ/कूटपाद) की मदद से भोजन ग्रहण करता है। यह प्रवर्ध भोजन के कणों को घेर लेते हैं तथा संगलित होकर खाद्य रिक्तिका बनाते हैं। खाद्य रिक्तिका के अंदर जटिल पदार्थों का विघटन सरल पदार्थों में किया जाता है और वे कोशिका द्रव्य में विसरित हो जाते हैं। बचा हुआ अपचित पदार्थ कोशिका की सतह की ओर गति करता है तथा शरीर से बाहर निष्कासित कर दिया जाता है।


प्रश्न  न्यूलैंड का अष्टक नियम की दो सीमाएँ लिखिए।

 उत्तर

1. यह नियम केवल कैल्शियम (Ca) तक के परमाणु भार वाले तत्वों को वर्गीकृत कर पाता है। इसके बाद आठवाँ तत्व प्रथम तत्व के गुणधर्मों से समानता प्रदर्शित नहीं करता है।
2. अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ही लागू हो पाता है। न्यूलैंड्स ने कल्पना की थी कि केवल 56 तत्व विद्यमान हैं तथा भविष्य में अन्य कोई तत्व नहीं मिलेगा।


प्रश्न उत्कृष्ट गैसों को पृथक समूह में क्यों रखा गया है? 

उत्तर- उत्कृष्ट गैसों को पृथक समूह में रखने के कारण निम्न हैं-
1. ये गैसें बहुत ही अक्रियाशील होती हैं एवं इनकी खोज बहुत बाद में हुई।
2. इन गैसों को एक नये समूह में बिना आवर्त सारणी में छेड़-छाड़ किए हुए रखा गया।


प्रश्न जीवाश्म ईंधन से होने वाली हानियाँ लिखिए।

 उत्तर- जीवाश्मी ईंधन की निम्नलिखित हानियाँ (कमियाँ) हैं-
 (i) जीवाश्मी ईंधन जलने से वायु प्रदूषण होता है जिसके फलस्वरूप कार्बन, सल्फर और नाइट्रोजन के अम्लीय ऑक्साइड मुक्त होते हैं। 
(ii) जीवाश्मी ईंधनों के ऑक्साइड अम्लीय वर्षा के कारक हैं जो हमारे जल एवं मृदा संसाधनों को प्रभावित करते हैं। 
(iii) जीवाश्मी ईंधन के दहन से राख अपशिष्ट के रूप में बचती है जो प्रदूषण को बढ़ावा देती है।

प्रश्न मनुष्य के पाचन में लार की क्या भूमिका होती

है? 


उत्तर - मनुष्य में भोजन के पाचन में लार की भूमिका (कार्य) निम्न है- 

(i) लार से भोजन चिकना एवं लसदार बनता है जिससे यह भोजन नली में आसानी से फिसल सकता है। 

(ii) लार में उपस्थित लाइसोजाइम तथा थायोसायनिक अम्ल जीवाणुओं को नष्ट करके मुख गुहा को जीवाणु संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

 (iii) लार भोजन को नम करती जिससे भोजन के बड़े टुकड़ों को छोटे टुकड़ों में तोड़ने तथा चबाने में मदद होती है। 

(iv) लार में उपस्थित एंजाइम एमाइलेज मंडल के जटिल अणुओं को शर्करा में खंडित कर देता है जो मण्ड की अपेक्षा काफी सरल अणु होते हैं।



प्रश्न  ग्रीन हाउस प्रभाव समझाइए? 


उत्तर - ठण्डे प्रदेशों में हरे पौधों को ठण्ड से बचाने के लिए काँच के घर का निर्माण कर उसमें उगाया जाता है। सूर्य के प्रकाश में जिन किरणों की तरंगदैर्ध्य कम होती है वह कौंच के घर में प्रवेश तो कर जाती है परन्तु टकराने के कारण तरंगदैर्ध्य बढ़ जाने से पुनः वातावरण में नहीं लौट पाती हैं। फलतः काँच के घर का ताप वायुमण्डल से अधिक रहता है। इस घटना को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते है। पर्यावरण में CO2,, मीथने इत्यादि गैसे यही कार्य करके पृथ्वी के ताप में वृद्धि करती हैं।










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