Mrada nimnikaran se kya aashye hai tatha karan likhiye mp board

Sachin ahirwar
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 मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है || मृदा निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए || अवर्गीकृत वन किसे कहते हैं || संकटग्रस्त जातियों || आधारभूत उद्योग

प्रश्न मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है

उत्तर - मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जिसे समाप्त करना जैविक समुदाय के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है। समष्टिगत प्रयासों के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रयासों के द्वारा इस चुनौती से निपटने के प्रयास करने होंगे। इसे  ही मृदा निम्नीकरण कहते हैं


प्रश्न मृदा निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर  - मृदा का निम्नीकरण और संरक्षण के उपाय मृदा अपरदन और क्षीणता मृदा संसाधन के लिए दो मुख्य खतरे हैं।

1.मानवीय और प्राकृतिक दोनों ही कारणों से मृदाओं का निम्नीकरण हो सकता है। 

2. मृदा के निम्नीकरण में सहायक कारक वनोन्मूलन, अतिचारण, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, वर्षा दोहन, भूस्खलन और बाढ़ हैं।


प्रश्न वनों की कटाई के कोई दो परोक्ष परिणाम लिखिए l

उतर :- (1)वनों के काटने से मृदा अपरदन में वृद्धि होती है l

(2)बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है l

(3)वनों से प्राप्त होने वाले उत्पादकों में कमी आ जाती है l


प्रश्न भारत में जैव विविधता को कम करने वाले कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर

(1) पर्यावरण विनाश के अन्य मुख्य कारकों में संसाधनों का असमान वितरण व उनका असमान उपभोग और पर्यावरण के रख-रखाय की जिम्मेदारी में असमानता शामिल हैं।


प्रश्न अवर्गीकृत वन किसे कहते हैं?

उत्तर- अवर्गीकृत वन- अन्य सभी प्रकार के वन और बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहे जाते हैं

मध्यप्रदेश में स्थाई वनों के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र हैं जो कि प्रदेश के कुल  क्षेत्र का भी 75% है। इसके अतिरिक्त जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी कुल बनो में से एक बड़ा अनुपात आरक्षित बनो का है; जबकि बिहार, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में कुल बनो में रक्षित बनो का एक बड़ा अनुपात है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में और गुजरात में अधिकतर वन क्षेत्र अवर्गीकृत है तथा स्थानीय समुदायों के प्रबंधन में हैं

(3) आमतौर पर विकासशील राष्ट्रों में पर्यावरण विनाश का मुख्य दोषी अत्यधिक जनसंख्या को माना जाता है।


प्रश्न संकटग्रस्त जातियों से क्या अभिप्राय है ।

उत्तर- संकटग्रस्त जातियां- यह बे जातियां हैं जिनके लुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। यह खतरा जिन कारणों से उत्पन्न हुआ है वे अभी भी जारी हैं, जैसे कटाई, पर्यावरण प्रदूषण, भीषण अग्निकांड आदि या फिर अनियंत्रित शिकार। यदि यह विषम परिस्थितियां जारी रहती है तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है। इनमें काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, गैंडा, शेर पूछ वाला बंदर, शंघाई (मणिपुरी हरण) आदि प्रमुख हैं।


प्रश्न 9. कौन-से खनिज दंतमंजन में सहायक होते हैं?

अथवा

‘खनिज व दंतमंजन से एक उज्ज्वल मुस्कान' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- 

(1)दंतमंजन हमारे दांत साफ करते हैं।

(2) कुछ अपघर्षक खनिज, जैसे सिलिका, चूना पत्थर, एल्युमिनियम ऑक्साइड व विभिन्न फास्फेट खनिज स्वच्छता में मदद करते हैं।

(3) फ्लोराइड जो दांतों को गलने से रोकता है, फ्लूओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है।

(4) टूथब्रश व पेस्ट की ट्यूब पेट्रोलियम से प्राप्त प्लास्टिक की बनी होती है।


प्रश्न चादर अपरदन किसे कहते हैं।

उत्तर :- चादर अपरदन – कई बार जल विस्तृत क्षेत्र को ढके हुए ढाल के साथ नीचे की ओर बहता है। ऐसी स्थिति मे मृदा घुलकर जल के साथ बह जाती है। इसे चादर अपरदन कहते है।


प्रश्न जैव विविधता किसे कहते हैं? 

उत्तर-  जैव विविधता में अनेक प्रकार के पेड़-पौधे, जीव-जन्तु तथा मनुष्य की अनेक जातियाँ एवं उपजातियाँ पायी जाती है। अर्थात् विविध प्रकार के वन एवं जीव-जन्तु की उपस्थिति को जैव विविधता कहा जाता है। जैव विविधता के कारण मानव को अनेक प्रकार की आवश्यकता की वस्तुएँ प्राप्त होती है जिससे

उनका अस्तित्व पृथ्वी पर बना हुआ है। अत: जैव विविधता मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


प्रश्न 4. आधारभूत उद्योग क्या हैं ? उदाहरण देकर बताएँ।

उत्तर- वे उद्योग जो अन्य उद्योगों के आधार होते हैं। इनके उत्पादन अन्य उद्योगों के निर्माण तथा संचालन के काम आते हैं; जैसे- लोहा इस्पात, ताँबा प्रगलन व ऐल्युमिनियम प्रगलन उद्योग ।


प्रश्न 3. औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ। 

उत्तर- औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक निम्न हैं- 

(1) श्रम, 

(2) बाजार, 

(3) परिवहन एवं संचार की सुविधाएँ।


प्रश्न 2. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ।

उत्तर- उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन कारक निम्न हैं-

(1) कच्चे माल की प्राप्ति,

(2) शक्ति के साधन,

(3) उपयुक्त जलवायु



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