Geometrical optics questions and answers PDF // bsc 3rd year physics paper 1st

Sachin ahirwar
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इकाई 1 ज्यामितीय प्रकाशिकी pdf // Geometrical optics questions and answers PDF // bsc 3rd year physics paper 1st / Geometric optics Practice problems


इकाई 1

ज्यामितीय प्रकाशिकी

[GEOMETRICAL OPTICS]


लघु उत्तरीय प्रश्न



[Very very important prashn]


 प्रश्न 1/ फरमेट के चरम पथ सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।


( ग्वालियर 2015; उज्जैन 16; जबलपुर 17 ) अथवा 


सिद्ध कीजिए कि परावर्तन तथा अपवर्तन में किन्हीं दो विन्दुओं के बीच प्रकाशीय पथ चरम होता है।


अथवा


फरमेट का चरम मार्ग का सिद्धान्त लिखिए तथा इसकी सार्थकता समझाइए  ।  (भोपाल 2017)(सागर 2015; छतरपुर 16 )


अथवा


फरमेट का सिद्धान्त लिखिए तथा इससे परावर्तन के नियम की पुष्टि कीजिए।  ( रीवा 2015, 17 ग्वालियर 2017)


उत्तर- फरमेट के चरम पथ का सिद्धांत (Principle of extremum path) – इसके अनुसार, एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक जाने में प्रकाश की किरण उस पथ का अनुसरण करती है जिसमें उसे अल्पतम (least) या अधिकतम (maximum) समय लगता है। इस नियम को स्थिर समय का नियम भी कहते हैं।


चित्र में बिन्दु A से B तक प्रकाश के गमन को प्रदर्शित किया गया है। चरम पथ के नियम के अनुसार A से B तक प्रकाश द्वारा वास्तविक पथ APB का अनुसरण करने में लिया गया समय, निकटवर्ती पर्थो (जैसे AQB) में लिए गये समय में न्यूनतम या अधिकतम होगा। 


चरम पथ के सिद्धान्त का गणितीय निरूपण (Mathematical representation of extremum path)—माना कि वास्तविक पथ APB एवं निकटवर्ती पथ AQB के बीच पार्श्विक अन्तर PQ = dr प्रथम क्रम में अत्यल्प (infinitesimal of the first order) है, तो वास्तविक पथ एवं भिन्न पथ के लिए समय में अन्तर, दोनों पथों में अन्तर से अत्यल्प ऊँची विमा (infinitesimal of higher order) का होगा। अर्थात्


dt/dx = 0 या ds/dx = 0, जहाँ ds = पथ-अन्तर = AQB - APB.


समांगी माध्यमों में न्यूनतम समय वाला पति की न्यूनतम दूरी वाला पथ होता है । इस तरह के माध्यमों में मैं करणी सीधी रेखाओं में होती हैं यदि प्रकाश एक के बाद एक ऐसे अनेक समांगी माध्यमों में से होकर जाए तो प्रत्येक माध्यम में प्रकाश का मार्ग सीधी रेखा होना चाहिए अन्यथा उस मार्ग में से जाने के लिए आवश्यक समय न्यूनतम संभव मान नहीं होगा


प्रश्न 2. अविपक्षी बिन्दु किसे कहते हैं ? 

(भोपाल 2015; उज्जैन 15; ग्वालियर 15, 17; रीवा 16 )


अथवा


अविषथी बिन्दु क्या है ?

(भोपाल 2015; छतरपुर 16 )


अथवा


अविपथी बिन्दु क्या होते हैं ? इनके उपयोग लिखिए। 

(इन्दौर 2015; उज्जैन 17 )


अथवा


अविपथन से क्या तात्पर्य है ?


(जबलपुर 2015; भोपाल 16, 17 )


उत्तर- प्रकाशीय पृष्ठों में उनके अक्ष पर स्थित एक निश्चित बिन्दु से चलने वाली प्रकाश किरणें, परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् केवल एक बिन्दु से आती हैं या आती हुई प्रतीत होती हैं अर्थात् तल द्वारा अक्षीय विन्दु वस्तु का अक्षीय विन्दु प्रतिविम्ब बनता है। इन संयुग्मी बिन्दुओं को अविपथी बिन्दु (aplanatic points) तथा पृष्ठ को अविपथी पृष्ठ (aplanatic surface) कहते हैं। 

     एक गोलीय अपवर्तक पृष्ठ अपने वक्रता केन्द्र से R/μ दूरी पर वस्तु की स्थिति के सापेक्ष विपथी होता है,

 जहाँ R पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या और μ माध्यम का अपवर्तनांक है।


प्रश्न . हाइगन्स एवं रैम्सडेन नेत्रिकाओं की तुलना कीजिए।


( रीवा 2015, 16; उज्जैन 15; छतरपुर 16 )

अथवा


 नेत्रिकाओं के मुख्य प्रकार को समझाते हुए प्रत्येक की संरचना तथा उनकी तुल्य फोकस दूरी को समझाइये | 

(उज्जैन 2017; जबलपुर 17 )

अथवा


 कैलनर, हाइगन्स तथा रैम्सडेन नेत्रिकाओं में तुलना कीजिए तथा इनके अपेक्षित गुणव अवगुण बताइए।

(उज्जैन 2016; जबलपुर 16; इन्दौर 16; ग्वालियर 17 )


उत्तर- हाइगन्स, रैम्सडेन एवं कैलनर नेत्रिकाओं की तुलना निम्न तालिका द्वारा की जा सकती है






विवरण

हाइगंस नेत्रिका

रेम्सडेन नेत्रिका

कैलनर नेत्रिका


क्षेत्र लेंस की फोकस दूरी 


नेत्र लेंस की फोकस दूरी 



दोनों लेंसों के बीच की दूरी 



तुल्य फोकस दूरी

3f



f



2f





3/2f

f



f



2/3f





3/4f

f



f



f





f



क्रॉस तार की स्थिति

उपयोग उचित नहीं

क्षेत्र लाइन से -f/4 दूरी पर

अभी क्षेत्र लेंस पर नहीं


वर्ण विपथन

नहीं है


प्रतिबंध d =f1 +f2/2

संतुष्ट

थोड़ा रहता है


प्रतिबंध  d # f1 +f2/2

संतुष्ट नहीं

नहीं है।


प्रतिबंध d =f1 +f2/2

संतुष्ट



लेंसों के समतल एवं वक्र सतहों की दिशाएं

वक्र सतहें आप तेज प्रकाश की ओर है

वक्र सतहें एक दूसरे की ओर हैं

वक्र सतहें प्रकाश की ओर हैं


गोलीय विपथन

न्यूनतम होता है, संतुष्ट प्रतिबन्ध d = f1-f2

कम होता है, क्योंकि विचलन सभी सतहों में समान रहता है। प्रतिबन्ध d=f1-f2 राष्ट नहीं।

रहता है। 



प्रश्न अवर्णक संयोग हेतु दो लेंसों के बीच की दूरी के लिए सूत्र स्थापित कीजिए।


(भोपाल 2016; जबलपुर 16; छतरपुर 16 )



प्रश्न  ज्यामितीय दूरी तथा प्रकाशीय दूरी में क्या संबंध है ?

 (उज्जैन 2015, 17; इन्दौर 15; भोपाल 17) 

उत्तर- किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच प्रकाशीय मार्ग की लम्बाई, उसे तय करने में लगे समय के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि प्रकाश किरण, किसी माध्यम जिसका अपवर्तनांक μ है, में दूरी l तय μ करती है, तो वायु में प्रकाश द्वारा तय समतुल्य प्रकाशीय दूरी μl होगी, क्योंकि यदि प्रकाश की


माध्यम तथा वायु में चाल क्रमश: v तथा c है तो


l/v = c/v×l/c = μl/c , अतः किसी माध्यम में प्रकाश द्वारा तय प्रकाशीय दूरी =μ× उस माध्यम में प्रकाश द्वारा तय ज्यामितीय दूरी।


प्रश्न 1. फरमेट सिद्धान्त की सहायता से परावर्तन एवं अपवर्तन के नियमों को प्राप्त कीजिए।

( रीवा 2015)


अथवा


फरमेट सिद्धान्त के अनुप्रयोग लिखिए।


(जबलपुर 2016)


अथवा


फरमेट का सिद्धान्त लिखिए तथा इसका उपयोग करते हुए उत्तल गोलीय पृष्ठ पर अपवर्तन के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। 

(भोपाल 2015)


उत्तर-- फरमेट सिद्धान्त के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग निम्नानुसार हैं


(i) परावर्तन के नियमों को व्युत्पन्न करना (Derivation of laws of reflection)—


bsc 3rd year physics

(ii) अपवर्तन के नियम को भी उत्पन्न करना(Derivation of laws of refraction) 

bsc 3rd year physics

प्रश्न 2. समाक्ष लेन्स निकाय के प्रधान बिन्दुओं को समझाइये तथा उनके गुण लिखिए।

अथवा 

किसी समाक्ष लेंस निकाय के लिये न्यूटन के सूत्र की स्थापना कीजिए। 

(उज्जैन 2017 ) 

अथवा


किसी प्रकाशीय निकाय के प्रधान बिन्दुओं 

(i) मुख्य बिन्दु, 

(ii) फोकस बिन्दु तथा 

(iii) निर्नति बिन्दुओं की व्याख्या कीजिए तथा सिद्ध कीजिए कि प्रकाशीय निकाय के दोनों और माध्यम समान होने पर निर्नति बिन्दु, मुख्य बिन्दुओं से सम्पाती होते हैं।

( ग्वालियर 2015) 

उत्तर- समाक्ष लेंस निकाय के प्रधान बिन्दुओं की सहायता से किसी वस्तु के प्रतिविम्ब के आकार और स्थिति को आसानी से ज्ञात किया जा सकता है। प्रधान बिन्दुओं (मुख्य बिन्दु, फोकस दूरी, निनीति बिन्दु) के प्रमुख गुण निम्नानुसार हैं


(1) मुख्य बिन्दु (Principal Points)


किसी लेंस निकाय के मुख्य बिन्दु, निकाय के मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसे दो परस्पर संयुग्मी (conjugate) बिन्दु होते हैं, जिनके लिए अनुप्रस्थ रैखिक आवर्धन (Transverse linear magnification) धनात्मक तथा एकांक होता है।




प्रश्न गोलीय विपथन से आप क्या समझते हैं? इसे दूर करने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए




गोलीय विपथन को कम करना(Reducing Spherical Aberration)-

प्रकाशिक के निकायों विशेषकर लेंस निकायों द्वारा उत्पन्न गोलीय विपथन को कम करना अथवा समाप्त करने के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग किया जाता है

(I) लेंस का द्वारा कम कर(By reducing aperture of lens)


चूँकि गोलीय विपथन लेंस के द्वारक (aperture) के बड़े आकार के कारण होता है। अतः गोलीय विपथन को समाक्ष विराम (Coaxial stop) की सहायता से कम किया जा सकता है। उपर्युक्त विराम की सहायता से या तो उपाक्षीय किरणों (Paraxial rays) को या फिर केवल उपान्त किरणों (Marginal rays) को लेंस पर आपतित होने देते हैं। इस प्रकार द्वारक का आकार कम होने से प्रतिबिम्ब में विपथन कम हो जाता है। 


(ii) लेंस बंकन द्वारा-एक निश्चित फोकस दूरी वाले लेंस का निर्माण इस तरह किया जा सकता है कि इससे न्यूनतम गोलीय विपथन उत्पन्न हो। गणितीय विश्लेषण से पता चलता है कि यदि एकवर्णी समानान्तर किरणों के लिए गोलीय विपथन न्यूनतम होता है, जब लेंस पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या (radius of curvature) का अनुपात


σ = r1/r2=2μ2-μ-4/μ(1+2μ)



हो जहाँ μ लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक है। यह प्रक्रिया जिसमें लेंस की फोकस दूरियों को बदले बिना इसकी आकृति बदलकर गोलीय विपथन को न्यूनतम किया जाता है, लेंस वंकन कहलाती है। लेंस बंकन द्वारा गोलीय विपथन को न्यूनतम करने की घटना चित्र (b) में प्रदर्शित है। लेंस पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या को परिवर्तित करना काफी कठिन कार्य होता है एवं इससे लेंस की कीमत काफी बढ़ जाती है। अतः इस विधि का उपयोग केवल सुग्राही प्रकाशिक उपकरणों में ही किया जाता है।


प्रश्न  गोलीय विपधन से आप क्या समझते हैं ? इसे दूर करने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।



प्रश्न 6. अविपथी बिन्दुओं के अनुप्रयोग लिखिए।

(जबलपुर 2015)

अथवा


तेल निमज्जन अभिदृश्यक एवं अर्द्धचन्द्राकार लेंस की कार्यप्रणाली समझाइए।

अथवा


टिप्पणी लिखिए

(i) तेल में डुबा अभिदृश्यक ।

(जबलपुर 2015, 17 )




प्रश्न- हाइगन्स की नेत्रिका एवं रैम्सडेन की नेत्रिका की रचना एवं इसमें प्रतिविम्ब निर्माण की विवेचना कीजिए।

(भोपाल 2015 )

अथवा




हाइगन्स नेत्रिका का वर्णन कीजिए तथा चित्र द्वारा इसकी कार्यविधि एवं प्रधान बिन्दुओं की स्थिति समझाइये।

(ग्वालियर 2015)

अथवा


रेम्सडेन नेत्रिका में अवर्णकता एवं न्यूनतम गोलीय विपथन की शर्त का पालन होता है। इस कथन की विवेचना कीजिए।

(ग्वालियर 2015 इंदौर 16 )


अथवा


हाइगन्स नेत्रिका की बनावट एवं कार्यविधि समझाइये तथा रेम्सडेन नेत्रिका से इसकी तुलना कीजिए ।


अथवा


टिप्पणी लिखिए- (i) हाइगन नेत्रिका, (ii) रेम्सडन नेत्रिका

(रीवा 2015, 17)








































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