chapter 5 upbhokta adhikar mp board

Sachin ahirwar
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 chapter 5 upbhokta adhikar ke question answer // class 10 economics chapter 5 questions and answers in hindi // Who is a consumer class 10 economics chapter 5 /उपभोक्ता अधिकार PDF

अध्याय 5

उपभोक्ता अधिकार


महत्वपूर्ण बिंदु


● बाजार में हमारी भागीदारी उत्पादक और उपभोक्ता दोनों रूपों में होती है।


● बाजार में भी उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है। 

● उपभोक्ता आंदोलन का प्रारंभ उपभोक्ताओं के असंतोष के कारण हुआ क्योंकि विक्रेता कई अनुचित व्यावसायिक व्यवहारों में शामिल होते हैं।


● अत्यधिक खाद्य कमी, जमाखोरी, कालाबाजारी, खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेल में मिलावट की वजह से 1960 के दशक में व्यवस्थित रूप में उपभोक्ता आंदोलन का उदय हुआ।


● 1970 के दशक तक उपभोक्ता संस्थाएँ वृहत् स्तर पर उपभोक्ता अधिकार से संबंधित आलेखों के लेखन और प्रदर्शनी के आयोजन का कार्य करने लगी थीं।


● उपभोक्ता आन्दोलन के परिणामस्वरूप 1986 में भारत सरकार द्वारा 'उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1986' बना था जो COPRA के नाम से प्रसिद्ध है।


● सन् 2005, अक्टूबर में भारत सरकार ने एक कानून लागू किया जो R.T.I. (राईट टु. इन्फॉर्मेशन) या सूचना पाने का अधिकार के नाम से जाना जाता है। 

● उपभोक्ताओं को अनुचित सौदेबाजी और शोषण के विरुद्ध क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार है।


● कोपरा के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित किया गया है।


● जिला स्तर का न्यायालय जिसे जिला केन्द्र भी कहते हैं 20 लाख तक के दावों से संबंधित मुकदमों पर विचार करता है।


● राज्य स्तरीय अदालत जिसे राज्य आयोग कहते हैं। 20 लाख से एक करोड़ तक और राष्ट्रीय स्तर की अदालत राष्ट्रीय आयोग करोड़ के ऊपर की दावेदारी से संबंधित मुकदमों को देखती है।


० 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

● आज देश में 700 से अधिक उपभोक्ता संगठन हैं, जिनमें से केवल 20-25 ही अपने कार्यों के लिए पूर्ण संगठित और मान्यता प्राप्त है।



पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्नोत्तर


प्रश्न  वे कौन से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा बाजार में लोगों का शोषण हो सकता है?

उत्तर- बाजार में लोगों का शोषण कई रूपों में होता है। उदाहरणार्थ, कभी-कभी व्य अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं; जैसे दुकानदार उचित वजन से कम वजन तौलते हैं या व्यापारी उन शुल्कों को जोड़ देते हैं, जिनका वर्णन पहले न किया गया हो या मिलावट/दोषपूर्ण वस्तुएँ बेची जाती हैं। जब उत्पादक थोड़े और शक्तिशाली होते हैं और उपभोक्ता कम मात्रा में खरीददारी करते हैं और बिखरे हुए होते हैं, तो बातार उचित तरीके से कार्य नहीं करता है। विशेष रूप से यह स्थिति तब होती है, जब इन वस्तुओं का उत्पादन बड़ी कम्पनियाँ कर रही हों। अधिक पूँजीवाली शक्तिशाली और समृद्ध कम्पनियाँ विभिन्न प्रकार से चालाकीपूर्वक बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए वे समय-समय पर मीडिया और अन्य स्त्रोतों से गलत सूचना देते हैं।


प्रश्न  अपने अनुभव से एक ऐसे उदाहरण पर विचार करें, जहाँ आपको यह लगा हो कि बाजार में 'धोखा' दिया जा रहा था। कक्षा में चर्चा करें।


उत्तर कुछ दिन पूर्व में मलेरिया बुखार से पीड़ित हुआ था; जिसके कारण मैं डॉक्टर के पास गया, डॉक्टर ने मुझे कुछ दवाइयाँ बाजार से खरीदने के लिए लिखकर दीं। मैं पर्चा लेकर दवाई की दुकान पर गया तथा दुकानदार से दवाइयों की माँग की। दुकानदार उन दवाइयों में से एक दवाई के स्थान पर कोई दूसरी अन्य दवाई देने लगा तो मैंने उससे कहा कि मुझे डॉक्टर द्वारा लिखित दवाइयाँ ही चाहिए। वह जबरदस्ती यह दवाई देने लगा कि यह दवाई और डॉक्टर द्वारा लिखित दवाई दोनों समान हैं, केवल कम्पनी के नाम में फर्क है। बाद में मैंने गुस्सा होकर व वाली दवाई लेने से मना कर दिया। दवाइयों का भुगतान करने से पहले बिल माँगा पर उन्होंने बिल देने से मना कर दिया। बोला बिल का क्या करोगे? मैं जानता था कि उपभोक्ता के रूप में बिल लेना मेरा कर्तव्य है। वहाँ मैंने जोर डाला तो दुकानदार ने मुझे बिल दिया।। 


प्रश्न उपभोक्ता दलों द्वारा कौन-कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं?


उत्तर- उपभोक्ता दलों द्वारा निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं. 

1. उपभोक्ता दलों को छोटे-छोटे समूह बनाकर बाजार में प्रत्येक सप्ताह में एक दिन घूमना चाहिए। 

2. उपभोक्ता दलों को उपभोक्ता को उनके अधिकारों के बारे में बताना चाहिए। 

3. उपभोक्ता दलों की प्रति सप्ताह या महीने में एक दिन बैठक होनी चाहिए।

4. उपभोक्ता दलों को राशन की दुकानों एवं अन्य दुकानों में होने वाले अनुचित कार्यों पर नजर रखना चाहिए।


प्रश्न 2. नियम एवं कानून होने के बावजूद उनका अनुपालन नहीं होता है। क्यों ? विचार-विमर्श करें। उत्तर - निम्नलिखित कारणों से नियम एवं कानून होने के बावजूद उनका अनुपालन नहीं होता है -


(i) उपभोक्ता जागरूकता न होने के कारण।


(ii) अधिकतर उपभोक्ता भोले-भाले होते हैं, जोकि विक्रेता के विरुद्ध शिकायत करना नहीं चाहते हैं। 

(iii) न्याय मिलने में अधिक समय लगना व लंबी वैधानिक प्रक्रिया के कारण उपभोक्ता को समस्या होना।

प्रश्न उपभोक्ता संरक्षण परिषद एवं उपभोक्ता अदालत में क्या अंतर है?

उत्तर


उपभोक्ता संरक्षण परिषद

उपभोक्ता अदालत


उपभोक्ता संरक्षण परिषद एक सामाजिक संगठन है जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देता है।

जिला राज्य एवं राष्ट्रीय स्थलों पर स्थित अदालत को उपभोक्ता अदालत कहते हैं यह एक कानूनी संगठन है जो निर्णय लेता है


इसका कार्य व्यापारियों उत्पादकों तथा वितरकों की व्यापार संबंधित क्रियाओं पर नियंत्रण करना है।

इसका कारण उपभोक्ताओं को न्याय देना है और दोषी व्यापारी विक्रेताओं वितरक को सजा देना है।



What is consumer movement class 10

अभ्यास प्रश्न



प्रश्न बाजार में नियमों तथा भी नियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है कुछ उदाहरण के द्वारा समझाएं।

उत्तर बाजार में नागरिकों की सुरक्षा के लिए नियमों और भी नियमों की आवश्यकता होती है उदाहरण स्वरूप एक कंपनी ने यह दावा करते हुए कहा कि माता के दूध से हमारा पाउडर वाला दूध बेहतर है कई वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद कंपनी को यह स्वीकार ना पढ़ा की है झूठे दावे करती आ रही है तो यह सफेद झूठ होगा । इसी तरह सिगरेट उत्पादन कंपनियों से यह बात मनवाने के लिए कि उनका उत्पाद कैंसर का कारण हो सकता है बाजार में नियमों एवं बी नियमों की आवश्यकता पड़ती है।

















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