लोकतंत्र के परिणाम कक्षा 10 PDF // लोकतंत्र के परिणाम कक्षा 10 question answer
अध्याय
लोकतंत्र के परिणाम
महत्वपूर्ण बिंदु
● लोकतंत्र शासन की अन्य से बेहतर है। तानाशाही और अन्य व्यवस्थाएँ ज्यादा दोषपूर्ण हैं।
●लोकतंत्र शासन का एक स्वरूप भर है। यह कुछ चीजों को हासिल करने की स्थितियाँ तो बना सकता है पर नागरिकों को ही उन स्थितियों का लाभ लेकर अपने लक्ष्यों को हासिल करना होता है।
● लोकतंत्र में अगर कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता कर सकता है। उसे यह न सिर्फ जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध हैं। इसे पारदर्शिता कहते हैं।
● नियमित और निष्पक्ष चुनाव, प्रमुख नीतियों और नए कानूनों पर खुली सार्वजनिक चर्चा और सरकार तथा इसके कामकाज के बारे में जानकारी पाने हेतु नागरिकों को सूचना का अधिकार प्राप्त है।
● लोकतांत्रिक व्यवस्था वैध शासन व्यवस्था है। यह लोगों की जरूरतों की कुछ हद तक अनदेखी कर सकती है लेकिन ssz शासन व्यवस्था लोगों की अपनी शासन व्यवस्था है।
● लोकतांत्रिक शासनों और तानाशाहियों के कामकाज की तुलना में आर्थिक संवृद्धि में तानाशाहियों का रिकॉर्ड थोड़ा बेहतर है।
० आर्थिक विकास कई कारकों मसलन देश की जनसंख्या के आकार, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों से सहयोग और देश द्वारा तय की गई आर्थिक प्राथमिकताओं पर भी निर्भर करता है।
● गरीब वर्ग के आगे सदा अवसरों की असमानता बरकरार रहती है।
● लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है। प्रतिनिधियों के चुनाव में हर व्यक्ति का वजन बराबर होता है।
● कोई भी समाज अपने विभिन्न समूहों के बीच के टकरावों को पूरी तरह और स्थायी रूप से खत्म नहीं कर सकता।
● सामाजिक अंतर, विभाजन और टकरावों को संभालना लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का एक बड़ा गुण है।
● व्यक्ति की गरिमा और आजादी के मामले में लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन प्रणाली से काफी आगे है। प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ के लोगों से सम्मान पाना चाहता है। अक्सर टकराव तभी पैदा होते हैं जब कुछ लोगों को लगता है कि उनके साथ सम्मान का व्यवहार नहीं किया गया। गरिमा और आजादी की चाह ही लोकतंत्र का आधार है।
● शिकायतों का बने रहना भी लोकतंत्र की सफलता की गवाही देता है। इससे पता चलता है। कि लोग सचेत हो गए हैं और वे सत्ता में बैठे लोगों के कामकाज का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने लगे हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करता है?
उत्तर- लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक ऐसी सरकार का गठन होता है जो कायदे-कानून को मानती है और लोगों के प्रति जवाबदेह होती है। लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाने और खुद को उनके प्रति जवाबदेह बनाने की कार्यविधि भी विकसित कर लेती है। अगर कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो उसे यह जानने का अधिकार है। इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था एक उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार है जो अन्य प्रकार के शासनों से बेहतर है।
प्रश्न 2. लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को संभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है?
उत्तर- लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को संभालती हैं। इससे इन टकरावों के विस्फोटक या हिंसक रूप लेने का अंदेशा कम हो जाता है। कोई भी समाज अपने विभिन्न समूहों के बीच के टकरावों को स्थायी तौर पर खत्म नहीं कर सकता। इनके बीच बातचीत के द्वारा सामंजस्य बैठाने का तरीका विकसित कर सकते हैं। सामाजिक अंतर, विभाजन और टकरावों को सँभालना निश्चित रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक बड़ा गुण है। इसके लिए लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को दो शर्तों को पूरा करना होता है -
1. लोकतंत्र का अर्थ बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। उसके साथ काम करने की जरूरत होती है तभी सरकार जन सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत और अल्पमत की राय कोई स्थायी चीज नहीं होती।
2. बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का मतलब होता है कि हर फैसले या चुनाव में अलग अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी-न-किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का मौका मिलता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों के पक्ष या विपक्ष में तर्क दें
1. औद्योगिक देश ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का भार उठा सकते हैं पर गरीब देशो को आर्थिक विकास करने के लिए तानाशाही चाहिए।
2. लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम नहीं कर सकता।
3. गरीब देशों की सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने और आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और बुनियाद आर्थिक ढाँचे पर खर्च करने चाहिए।
4. नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता अमीर और गरीब, दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है।
5. लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। इसका मतलब है कि लोकतंत्र में किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता।
उत्तर- 1. हम इस कथन के पक्ष में नहीं हैं। गरीब देश आर्थिक विकास तानाशाही में नहीं कर सकते क्योंकि तानाशाही शासन में न स्वतंत्रता होगी, न समानता, न राजनीतिक आर्थिक अधिकार। ऐसे में गरीब देश आर्थिक विकास नहीं कर सकते।
2. हम इस कथन के पक्ष में नहीं हैं। लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच असमानता को कम कर सकता है क्योंकि लोकतंत्र में नागरिकों को राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही लोकतंत्र समानता लाने के लिए कानून भी बना सकता है। जैसे भारत में बहुत से कानूनों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक असमानता को कम करने की कोशिश की गई है।
3. हम इस कथन के पक्ष में नहीं हैं कि गरीब देशों में सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने और आहार कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और आर्थिक ढाँचे पर खर्च करने चाहिए। इसमें संदेह नहीं है कि किसी देश के आर्थिक विकास के लिए उद्योग और आर्थिक ढाँचा आवश्यक तत्व है परन्तु बिना भोजन के लोग जीवित नहीं ह सकते, बिना कपड़ों के अपने तन की रक्षा नहीं कर सकते और बिना अच्छी शिक्षा तथा स्वास्थ्य के अच्छे नागरिक नहीं बन सकते। अच्छे नागरिकों के बिना देश के आर्थिक विकास की बात सोची ही नहीं जा सकती।
4. हाँ, हम इस बात के पक्ष में हैं कि नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता अमीर तथा गरीब दोनों प्रकार के लोकतांत्रिक देशों में मौजूद है यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोगों के बीच आय का बँटवारा किस प्रकार से होता है।
5. लोकतंत्र में यद्यपि सभी नागरिकों को समान रूप से एक ही मत का अधिकार दिया गया है परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि वहाँ पर किसी प्रकार का टकराव या प्रभुत्व नहीं होता। यदि कोई सरकार अपने बहुमत के बल पर समाज के किसी अल्पसंख्यक वर्ग की माँगों को दबाने का प्रयत्न करती है और उनकी ओर कोई ध्यान नहीं देती, तो तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार देकर तथा बहुसंख्यक वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के आपसी सम्बन्धों को मधुर बनाकर तनाव एवं प्रभुत्व की स्थिति से बचा जा सकता है।
प्रश्न 4. नीचे दिए गए ब्यौरों में लोकतंत्र की चुनौतियों की पहचान करें। ये स्थितियाँ किस तरह नागरिकों के गरिमापूर्ण, सुरक्षित और शांतिपूर्वक जीवन के लिए चुनौती पेश करती हैं। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए नीतिगत संस्थागत उपाय भी सुझाएँ
1. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद ओड़िसा में दलितों और गैर दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मंदिर को एक ही दरवाजे से सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी।
2. भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
3. जम्मू-कश्मीर के गंडवारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप को देखते हुए इस घटना के जाँच के आदेश दे दिए।
उत्तर - 1. पहली घटना में जातिवाद की चुनौती लोकतंत्र के समक्ष है। इसके कारण समाज में रहने वाले कुछ लोगों को अपमान सहना पड़ता है। जिन जातियों को नीचा या अछूत या दलित कहा जाता है उन्हें जीवन की मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा जाता है जो लोकतंत्र के खिलाफ है।
उपाए जातिवाद के विरुद्ध कानून बनाकर उन्हें कठोरता से लागू करके जातिवाद की समस्या से निपटना होगा।
2. दूसरी घटना में लोकतंत्र के सामने गरीबी प्रमुख चुनौती है। गरीबी के कारण किसान कर्ज में डूबता चला जाता है और जब वह कर्जा चुकाने की स्थिति में नहीं होता तो वह आत्महत्या का रास्ता अपनाता है।
उपाए सरकार को इन गरीब किसानों की मदद करनी होगी, उन्हें ऋण देने के लिए गाँवों में सरकारी बैंकों की स्थापना करनी होगी तथा कृषि के लिए आवश्यक चीजें कम कीमत पर उपलब्ध करानी होंगी।
3. तीसरी घटना में सरकारी विभागों में फैला भ्रष्टाचार लोकतंत्र के सम्मुख एक चुनौती है। लोकतांत्रिक देशों में सत्ता में आए व्यक्ति अपनी सत्ता का प्रयोग अपने निजी हित के लिए करने लगते हैं। इससे नागरिकों का जीवन संपत्ति संकट में पड़ जाते हैं। ये सरकारी अधिकारी जिनका काम नागरिकों की सेवा करना है वही लोग नागरिकों के शत्रु बन जाते हैं।
★ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न ★
★■◆ वस्तुनिष्ठ प्रश्न ◆■★
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
• निम्नलिखित में से कौन-सा लोकतंत्र का बुनियादी परिणाम है।
(क) यह ऐसी सरकार बनाती है, जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो और नागरिकों की जरूरतों और आशाओं के प्रति उत्तरदायी हो
(ख) इससे आर्थिक असमानता पैदा होती है।
(ग) इससे बेहतर आर्थिक विकास होता है।
(घ) इससे आय में असमानता की कमी होती है।
उत्तर- (क) यह ऐसी सरकार बनाती है, जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो और नागरिकों की जरूरतों और आशाओं के प्रति उत्तरदायी हो
● पूरे विश्व में लोकतंत्र के विचार के लिए बहुत अधिक समर्थन प्राप्त हुआ है। इसके लिए सबसे उपयुक्त कारण कौन-सा है ?
(क) यह लोगों की अपनी सरकार होती है
(ख) इससे आर्थिक समानता पैदा होती है।
(ग) इससे आर्थिक विकास दर उच्च होती है
(घ) यह गरीबी से मुक्त होती है।
उत्तर- (क) यह लोगों की अपनी सरकार होती है।
● लोकतंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सत्य है?
(क) यह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन है
(ख) इससे आर्थिक संवृद्धि की दर उच्च होती है
(ग) इससे आर्थिक विकास की गारंटी होती है।
(घ) इससे आर्थिक असमानता कम होती है
उत्तर- (क) यह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन है
● लोकतांत्रिक सरकार एक वैध सरकार होती है। इसके संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सत्य है -
(क) यह सामाजिक विविधताओं को संभालती है
(ख) यह लोगों द्वारा निर्वाचित लोगों की अपनी सरकार होती है।
(ग) इसमें शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित जीवन होता है
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (ख) यह लोगों द्वारा निर्वाचित लोगों की अपनी सरकार होती है।
● लोकतंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सत्य नहीं है
(क) लोकतांत्रिक सरकार बहुत तेजी से निर्णय लेती है
(ख) लोकतंत्र यह सुनिश्चित करता है कि फैसले कुछ कायदे-कानूनों के अनुसार लिए जाएँ
(ग) लोकतांत्रिक सरकार एक वैध सरकार होती है
(घ) लोकतांत्रिक सरकार एक उत्तरदायी सरकार होती है
उत्तर- (क) लोकतांत्रिक सरकार बहुत तेजी से निर्णय लेती है
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
1. नागरिकों के साथ सूचनाओं को साझा करने के मामले में............सरकार का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है।
2. लोकतांत्रिक व्यवस्था………….. समानता पर आधारित होती है।
3. एक मामले में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासनों से बेहतर है, वह है………. शासन व्यवस्था।
4 हम यह नहीं कह सकते कि लोकतंत्र ........ की गारंटी है।
5. लोकतंत्र ...... को कम करने में असफल रहे हैं।
उत्तर- 1. लोकतांत्रिक, 2. राजनीतिक, 3. वैध, 4. आर्थिक विकास, 5. आर्थिक असमानता ।
प्रश्न 3. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए
● लोकतंत्र को सरकार के अन्य रूपों से बेहतर क्यों माना जाता है?
उत्तर- क्योंकि यह नागरिकों में समानता को प्रोत्साहित करता है।
● सम्पूर्ण विश्व के लोकतांत्रिक देशों की एक सामान्य विशेषता क्या है?
उत्तर- उनमें राजनीतिक दल होते हैं।
● विश्व के लोकतांत्रिक देशों में एक-दूसरे के बीच किस प्रकार का अंतर होता है?
उत्तर- उनके बीच आर्थिक विकास के स्तर में अंतर होता है।
• लोकतंत्र का मौलिक परिणाम क्या होना चाहिए ?
उत्तर लोकतंत्र को एक उत्तरदायी सरकार देनी चाहिए तथा उसे नागरिकों की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।
प्रश्न 4. सत्य / असत्य का चयन कीजिए
1. लोकतंत्र में निर्णय निर्माण में अधिक समय इसलिए लगता है क्योंकि लोकतंत्र निर्णय निर्माण की लम्बी प्रक्रिया को चुनता है।
2. नेता ईमानदार एवं स्वच्छ छवि का होना चाहिए का आशय लोकतांत्रिक पद्धति में पारदर्शिता से है।
3. नियमित स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का मूल्यांकन करने में सहायता करते हैं।
4. लोकतांत्रिक सरकार से एक न्यायसंगत अपेक्षा है कि सरकार को जनता की आवश्यकताओं एवं माँगों के प्रति ध्यान देना चाहिए।
5. उच्च आर्थिक विकास दर में तानाशाही ने लोकतांत्रिक सरकारों से बेहतर परिणाम प्राप्त किए हैं।
उत्तर- 1 असत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. सत्य
◆ अति लघु उत्तरीय प्रश्न ◆
प्रश्न उत्तरदायी सरकार की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- "कोई भी सरकार जो निर्णय लेने में एक प्रक्रिया को अपनाती हो और अपने सभी निर्णयों के लिए नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो, उत्तरदायी सरकार कहलाती है।"
प्रश्न- गैर-लोकतांत्रिक शासक बड़ी तेजी एवं कुशलता से निर्णय लेते हैं और उन्हें लागू करते हैं। कारण दीजिए।
उत्तर- कारण गैर-लोकतांत्रिक शासकों को विधायिका का सामना नहीं करना पड़ता और बहुसंख्यकों अथवा अल्पसंख्यकों के नजरिए का ख्याल नहीं रखना पड़ता।
प्रश्न- 'लोकतांत्रिक सरकार एक पारदर्शी सरकार होती है।' क्या आप इसे स्वीकारकरते हैं ? पुष्टि कीजिए।
उत्तर- लोकतांत्रिक सरकार एक पारदर्शी सरकार होती है। हम इसे स्वीकार करते हैं, क्योंकि इसमें लोगों के पास निर्णय लेने की प्रक्रिया को परखने के अधिकार तथा साधन होते हैं।
प्रश्न वैध सरकार की परिभाषा दीजिए
उत्तर- "वह सरकार जो कानूनों और अपनी कार्यप्रणाली को सार्वजनिक ढंग से लोगों को बताए, उनसे कुछ भी न छिपाए, वैध सरकार कहलाती है।"
प्रश्न- लोकतंत्र को तानाशाही से अच्छी सरकार क्यों कहा जाता है? कोई दो कारण बताइये ।
उत्तर- 1. लोकतंत्र में सरकार उत्तरदायी होती है और उसके निरंकुश या अत्याचारी बनने की संभावना नहीं होती।
2. लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकार तथा स्वतंत्रताएँ सुरक्षित रहती हैं।
प्रश्न- लोकतंत्र में निर्णय लेने में देरी क्यों होती है?
उत्तर - चूँकि लोकतंत्र में निर्णय विचार-विमर्श तथा सोच-समझकर लिये जाते हैं इसलिए उनमें देरी होती है।
प्रश्न नियमित और निष्पक्ष चुनाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- हर लोकतांत्रिक देश में एक निश्चित समय के पश्चात् बिना किसी के दबाव आए चुनाव कराए जाते हैं इसे नियमित और निष्पक्ष चुनाव कहते हैं।
■ लघु उत्तरीय प्रश्न ■
प्रश्न- लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ बताते हुए परिभाषित कीजिए।
उत्तर - लोकतंत्र को अंग्रेजी में ‘Democracy' कहते हैं जिसकी उत्पत्ति ग्रीक भाषा के दो शब्दों‘डेमोस' (Demos) और ‘क्रेशिया' (Cratia) के मिलने से हुई है। डेमोस का अर्थ है- प्रजा तथा क्रेशिया का अर्थ है - सत्ता अतः लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता जनता के हाथों में होती है।
परिभाषाएँ -
1. सीले के अनुसार, "लोकतंत्र वह शासन व्यवस्था है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग हो।"
2. डायसी के अनुसार, "लोकतंत्र वह शासन व्यवस्था है जिसमें शासक वर्ग अपेक्षाकृत राष्ट्र का एक बड़ा भाग होता है।"
प्रश्न लोकतंत्र तानाशाह या सरकार के किसी अन्य रूप से बेहतर क्यों समझा जाता है?
अथवा
"लोकतंत्र शासन व्यवस्था अन्य शासन व्यवस्थाओं से बेहतर है।" उक्त कथन का औचित्य निर्धारित कीजिए।
उत्तर- लोकतंत्र निम्नलिखित कारणों से तानाशाह या सरकार के किसी अन्य रूप से बेहतर माना जाता है -
1. यह नागरिकों के बीच समानता को प्रोत्साहित करता है। देश का प्रत्येक नागरिक कानून के सामने समान अधिकार रखता है। इस प्रकार यह व्यक्ति के आत्मसम्मान को बढ़ाता है।
2. यह नागरिकों एवं राज्यों के बीच संघर्ष को सुलझाने का तरीका उपलब्ध कराता है। इसमें गलतियाँ सुधारने की पर्याप्त संभावनाएँ होती हैं।
3. यह निर्णय निर्माण की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
प्रश्न- लोकतंत्र के अपेक्षित परिणाम क्या होने चाहिए है ?
अथवा
लोकतंत्र से हमें किन चीजों की अपेक्षा करनी चाहिए ?
उत्तर- लोकतंत्र को निम्नलिखित अपेक्षाएँ अवश्य पूरी करनी चाहिए
1. जनता को न केवल अपना शासक चुनने का अधिकार होना चाहिए बल्कि इन शासकों पर नियंत्रण भी इन्हीं के हाथों में होना चाहिए। दूसरे शब्दों में लोकतंत्र एक ऐसी सरकार उपलब्ध कराए जो जनता के प्रति उत्तरदायी हो।
2. जनता को उन निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में भागीदारी हेतु सक्षम होना चाहिए जो निर्णय उन्हें प्रभावित करते हैं अर्थात् लोकतांत्रिक सरकार को जनता की आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।
3. लोकतंत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्णय निर्माण निर्धारित मानकों एवं प्रक्रियाओं पर आधारित हो। निर्णय निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा जनता के पास इस प्रक्रिया की छानबीन के अधिकार एवं साधन होने चाहिए।
प्रश्न – अनुमानित परिणामों के आधार पर लोकतंत्र का मूल्यांकन करते समय आप किन चीजों को देखना चाहते हैं?
उत्तर- लोकतंत्र का मूल्यांकन करते समय हम निम्नलिखित व्यवहारों एवं संस्थाओं को देखना चाहते हैं -
1. लोकतंत्र के अंतर्गत नियमित स्वतंत्र एवं स्वच्छ चुनाव होने चाहिए।
2. लोकतंत्र में प्रमुख नोतियों एवं विधेयकों पर जनता के बीच खुली बहस होनी चाहिए।
3. सरकार तथा उसके कार्यों के बारे में नागरिकों को सूचना का अधिकार प्राप्त होना चाहिए। जो नागरिक यह जानना चाहते हैं कि निर्णय उचित प्रक्रिया के अंतर्गत लिया गया है या नहीं, उन्हें इसका अवसर प्राप्त होना चाहिए।
प्रश्न- क्या लोकतंत्र के आने से वस्तुओं एवं अवसरों का न्यायसंगत वितरण होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर- 1. नहीं, जनसंख्या के अधिकांश भाग को भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में भी कठिनाई होती है।
2. लोकतंत्र में आर्थिक असमानता बढ़ती ही जा रही है। अत्यधिक सम्पन्न लोग और समृद्ध हो रहे हैं। धन एवं आय में उनकी भागीदारी अत्यधिक असमानुपाती है।
3. साथ ही, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें गरीब की समस्या को सुलझाने में उत्सुक नहीं होती हैं। इसलिए लोकतांत्रिक देश में गरीब वर्ग अवसरों से वंचित रहता है।
प्रश्न- 'एक आदर्श सरकार न केवल अपने आप को भ्रष्टाचार से दूर रखेगी बल्कि भ्रष्टाचार तथा काले धन को समाप्त करने को अपनी प्राथमिकता बनाएगी।' कथन से जुड़े मूल्यों का उल्लेख करते हुए पुष्टि करें।
उत्तर- 1. कायदे-कानूनों की भूमिका- एक आदर्श सरकार को अपने सभी निर्णय कायदे-कानूनों के अनुसार लेने चाहिए। निर्णय लेने की प्रक्रिया को परखने के लिए नागरिकों के पास अधिकार तथा स्वधन होने चाहिए। इसे पारदर्शिता कहते हैं। भारतीय नागरिकों के स सूचना पाने के अधिनियम का अधिकार है।
2. लोगों को जागरूक करना- एक आदर्श सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों को भ्रष्टाचार व काले धन के बुरे प्रभावों के बारे में जागरूक करें।
3. ईमानदारी- भ्रष्टाचार तथा काले धन का मुद्दा मूल्यों से जुड़ा हुआ है। सरकार को प्रिंट तथा मीडिया के माध्यम से एक ईमानदार समाज का निर्माण करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
प्रश्न 'लोकतांत्रिक सरकार एक वैध सरकार है।' व्याख्या कीजिए।
उत्तर - लोकतांत्रिक सरकार लोगों द्वारा निर्वाचित लोगों की अपनी सरकार होती है। विश्वभर में लोग अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का शासन चाहते हैं। विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए विभिन्न सर्वेक्षण भी यही दर्शाते हैं कि अधिकांश लोग लोकतांत्रिक सरकार का समर्थन करते हैं। लोकतंत्र लोगों को अपने शासक के चुनाव का विकल्प प्रदान करता है।
प्रश्न- लोकतंत्र की सफलता का कैसे पता चलता है?
उत्तर- लोगों को जब लोकतंत्र से थोड़ा लाभ मिल जाता है तो वे और लाभों की माँग करने लगते हैं। वे लोकतंत्र से और अच्छा काम चाहते हैं। यही कारण है कि जब हम उनसे लोकतंत्र के काम-काज के बारे में पूछते हैं तो वे हमेशा लोकतंत्र से जुड़ी अपेक्षाएँ बताते हैं और शिकायतों का अंबार लगा देते हैं। शिकायतों का बने रहना भी लोकतंत्र की सफलता की गवाही देता है। लोकतंत्र के कामकाज से लोगों का असंतोष जताना लोकतंत्र की सफलता को तो बताता ही है साथ ही यह लोगों के प्रजा से नागरिक बनने की गवाही भी देता है। इससे पता चलता है कि लोग सचेत हो गए हैं और वे सत्ता में बैठे लोगों के कार्यों का मूल्यांकन करने लगे हैं।
★ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ★
प्रश्न लोकतंत्र कितने प्रकार (रूप) का होता है? -
उत्तर- लोकतंत्र दो प्रकार के होते हैं
1. प्रत्यक्ष लोकतंत्र, 2. अप्रत्यक्ष लोकतंत्र ।
1. प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रत्यक्ष लोकतंत्र उसे कहते हैं, जिसमें राज्य की इच्छा जनता द्वारा आम सभाओं के माध्यम से प्रकट की जाती है। इसमें जनता अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करके नहीं भेजती, वरन् स्वयं एकत्रित होकर अधिकारियों को नियुक्त करती है, कर निर्धारित करती है तथा कानून बनाती है। ऐसा लोकतंत्र छोटे-छोटे राज्यों में ही स्थापित किया जा सकता है। प्राचीन यूनान तथा रोम के नगर राज्यों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रणाली प्रचलित थी। आधुनिक राज्यों में इसे लागू नहीं किया जा सकता। स्विट्जरलैण्ड के कुछ कँटनों, अमेरिका तथा रूस के कुछ राज्यों तथा गणतंत्रों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र की व्यवस्था है।
प्रत्यक्ष लोकतंत्र के आधुनिक साधनों में जनमत संग्रह, प्रस्तावाधिकार तथा प्रत्यावर्तन के साधन हैं। इन साधनों द्वारा मतदाता कानून के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकते हैं। जनमत संग्रह का थोड़ा-बहुत प्रयोग अन्य देशों में भी किया जाता है।
2. अप्रत्यक्ष लोकतंत्र - यह सरकार का वह रूप है जिसमें राज्य की इच्छा जनता द्वारा निर्वाचित थोड़े-से व्यक्ति समुदाय द्वारा प्रकट होती है। अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में जनता एक निश्चित समय के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है। ये प्रतिनिधि अपने मतदाताओं की भावनाओं के अनुसार कानून बनाते हैं। प्रतिनिधियों में से बहुमत दल मंत्रिमंडल का निर्माण करता है जो शासन चलाता है। विश्व के अधिकतर देशों में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की स्थापना की गई है।
प्रश्न - लोकतंत्र के लक्षण अथवा विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- लोकतंत्र के लक्षण अथवा विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. समानता - समानता लोकतंत्र का मुख्य लक्षण है। समानता में अमीर-गरीब, ऊँच नीच, जात-पात, धर्म, रंग व लिंग आदि का भेदभाव नहीं होता। सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं। कानून के सामने सभी समान हैं। राजनीतिक समानता के साथ-साथ सामाजिक तथा आर्थिक समानता लाने का प्रयास किया जाता है।
2. स्वतंत्रता - स्वतंत्रता लोकतंत्र का दूसरा मुख्य लक्षण है। नागरिकों को सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
3. भ्रातृ-भाव - लोकतंत्र का तीसरा मुख्य लक्षण भ्रातृ-भाव है। सभी नागरिक मिलकर कार्य करें। लोगों में अपनी जाति अथवा नस्ल की प्रभुसत्ता की भावना नहीं होनी चाहिए।
4. जन-कल्याण - लोकतंत्र में किसी एक वर्ग विशेष अथवा व्यक्ति का भला नहीं किया जाता, वरन् सारी जनता का कल्याण करना राज्य का उद्देश्य होता है।
5. जन प्रभुसत्ता- लोकतंत्र में प्रभुसत्ता लोगों में निहित होती है। सरकार लोगों की इच्छा.के अनुसार शासन चलाती है। सरकार की शक्तियों का अंतिम स्रोत लोग ही होते हैं।
6. कानून का शासन- लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का शासन नहीं होता, बल्कि कानून का शासन होता है। कोई भी व्यक्ति चाहे, उसका पद कितना ही बड़ा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं होता। कानून की दृष्टि में सभी व्यक्ति बराबर होते हैं।
7. मौलिक अधिकार तथा स्वतंत्र न्यायपालिका- लोकतंत्र में लोगों को मौलिक.अधिकार प्राप्त होते हैं। यदि कोई दूसरों के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है तो न्यायपालिका द्वारा उसे दंड दिलाया जा सकता है। उसके लिए स्वतंत्र तथा सर्वोच्च न्यायपालिका की स्थापना की जाती है। मौलिक अधिकार सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त होते हैं।
प्रश्न लोकतंत्र के गुणों ( पक्ष में तर्कों) का वर्णन कीजिए।
अथवा
लोग लोकतंत्र को क्यों अधिक पसंद करते हैं? चार कारण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- लोकतंत्र के गुण (पक्ष में तर्क) निम्नलिखित हैं
1. सभी लोगों का कल्याण- लोकतंत्र लोगों का शासन है। शासन की शक्तियाँ जनता में निहित होती हैं। इसमें समस्त जनता की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उन्नति की जाती है। किसी विशेष वर्ग के हितों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता।"
2. समानता के सिद्धांत पर आधारित- लोकतंत्र समानता पर आधारित होता है। प्रत्येक व्यक्ति को शासन में भाग लेने का अधिकार होता है। धर्म, जाति, जन्म, वंश आदि का कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
3. स्वतंत्रता- स्वतंत्रता भी लोकतंत्र का महत्वपूर्ण गुण है। समुदाय बनाने, धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करने, भाषण, प्रेस आदि की स्वतंत्रता सबको प्राप्त होती है। चुनाव में पूर्ण स्वतंत्रता होती है जनता, शासन की बागडोर एक दल से छीनकर दूसरे दल को सौंप सकती है।
4. प्रशासन में स्थिरता तथा उत्तरदायित्व- लोकतंत्र शासन जनता की इच्छानुसार - चलाया जाता है। जब तक सरकार जनता की इच्छाओं का ध्यान रखती है, वह अपने पद पर बनी रहती है। सरकार अपने कार्यों के लिए जनता के प्रति उत्तरदायी होती है। जनता सरकार को बदल भी सकती है।
5. नागरिकों को राजनीतिक शिक्षा - लोकतंत्र सरकार चुनाव की सरकार है। जनता में भाग लेकर अपने प्रतिनिधियों को चुनती है तथा शासन में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप चुनाव में भाग लेती है। इन कार्यों से जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है।
6. क्रांति की संभावना का अभाव- लोकतंत्र में सरकार को बदलना बड़ा आसान है। वोट द्वारा बिना किसी खून-खराबे के सरकार को बदला जा सकता है। सरकार को बदलने के लिए किसी तरह की क्रांति अथवा विद्रोह करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
7. कानूनों का वास्तविक पालन- लोकतंत्र में लोग कानूनों का पालन स्वाभाविक रूप से करते हैं। जनता स्वयं ही कानून बनाती है अथवा जनता की इच्छानुसार कानून बनाए जाते हैं। इसलिए कानून के उल्लंघन की संभावना बहुत कम होती है।
8. प्रगतिशील सरकार - लोकतंत्र प्रगतिशील सरकार है। इसमें राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक सुधार किए जाते हैं। जनता के प्रतिनिधि इस बात का प्रयास करते हैं। कि शासन में अधिक-से-अधिक सुधार किए जाएँ, जिससे राजनीतिक और सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सके।
प्रश्न लोकतंत्र के दोषों (विपक्ष में तर्क) का वर्णन कीजिए।
उत्तर- लोकतंत्र शासन प्रणाली सर्वप्रिय होते हुए भी दोषरहित नहीं है। इसके मुख्य दोष निम्नलिखित हैं
1. गुणों की अपेक्षा संख्या पर अधिक बल- यह सरकार गुणों पर नहीं, संख्या पर आधारित है। जो भी व्यक्ति बहुमत प्राप्त कर लेता है, वही निर्वाचित हो जाता है तथा दल के बहुमत में आने पर उस दल की सरकार बन जाती है। इसमें व्यक्ति के गुणों की तरफ नहीं, संख्या की तरफ देखा जाता है।
2. अयोग्य व्यक्तियों का शासन- लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को शासन में भाग लेने का अधिकार है परन्तु प्रत्येक व्यक्ति में इतनी योग्यता नहीं होती कि वह अपने इस अधिकार का उचित प्रयोग कर सके। अयोग्य व्यक्ति अपने प्रतिनिधि भी अयोग्य चुनेंगे, जिससे अयोग्य व्यक्तियों की सरकार स्थापित हो जाएगी।
3. समानता का अधिकार अप्राकृतिक- लोकतंत्र में सब व्यक्तियों को समान समझा जाता है परन्तु जब प्रकृति ने सब व्यक्तियों को समान नहीं बनाया, उनमें बौद्धिक तथा शारीरिक दृष्टि से अन्तर होता है तो लोकतंत्र में सब व्यक्ति समान कैसे हो सकते हैं।
4. धनी व्यक्तियों का शासन- लोकतंत्र वास्तव में धनी व्यक्तियों का शासन है। चुनाव में धन की आवश्यकता पड़ती है। एक निर्धन व्यक्ति चुनाव प्रचार में इतना धन नहीं लगा सकता। धनी व्यक्तियों की सरकार धनी व्यक्तियों के हितों के लिए कार्य करेगी।
5. दलों के दुष्परिणाम - राजनीतिक दल लोकतंत्र की आधारशिला है। प्रत्येक राजनीतिक दल का अंतिम लक्ष्य चुनाव जीतना है। दलीय अनुशासन के कारण कई बार सदस्य दल के हिले के कारण राष्ट्रीय हितों का भी बलिदान कर देते हैं।
6. सरकार अस्थायी होती है- सभी लोकतंत्रीय देशों में दो दलीय प्रणाली नहीं होती। बहुदलीय प्रणाली में यदि किसी दल को भी बहुमत न मिले अथवा बहुत कम मिले तो दल बदलुओं के कारण सरकार के टूटने का हर समय भय बना रहता है।
7. संकटकाल में अनुपयुक्त- संकट के समय भी यह सरकार उपयोगी नहीं है। संकट के समय सबसे अनिवार्य बात शीघ्र निर्णय लेने की होती है जो लोकतंत्र में संभव नहीं।
निष्कर्ष- लोकतंत्र में बहुत सी त्रुटियाँ हैं, फिर भी दूसरी शासन व्यवस्थाओं की तुलना में यह ही सर्वोत्तम सरकार मानी गई है। यही कारण है कि विश्व के अधिकांश देशों में इस सरकार की स्थापना की गई है।
प्रश्न किन्हीं पाँच परिणामों का उल्लेख करें जहाँ लोकतंत्र असफल रहा।
अथवा
"सैद्धांतिक रूप में तो लोकतंत्र को अच्छा माना जाता है पर व्यवहार में इसे इतना अच्छा नहीं माना जाता।" कथन की पुष्टि करें
उत्तर- 1. भ्रष्टाचार- लोकतंत्र के रिकार्ड यह दर्शाते हैं कि अधिकांश लोकतंत्र भ्रष्टाचार को दूर करने अथवा कम करने में असफल रहे हैं। भारत, जो कि विश्व का एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, वह भी इस मामले में असफल रहा है।
2. लोगों की आवश्यकताओं की ओर कम ध्यान देना- एक लोकतांत्रिक सरकार को लोगों की माँगों तथा जरूरतों की ओर ध्यान देना चाहिए परन्तु दुर्भाग्यवश इस मामले में लोकतांत्रिक सरकारों का रिकार्ड प्रभावशाली नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ अक्सर लोगों को उनकी जरूरतों के लिए तरसाती हैं और आबादी के एक बड़े हिस्से की माँगों की उपेक्षा करती हैं।
3. आर्थिक संवृद्धि और विकास- लोकतंत्र सरकार को सभी अन्य रूपों से बेहतर माना जाता है इसलिए इससे बेहतर आर्थिक संवृद्धि और विकास की उपेक्षा की जाती है परन्तु दुर्भाग्यवश लोकतंत्र इस मामले में भी असफल रहा है। यदि हम पिछले 50 वर्षों के बीच के सभी लोकतांत्रिक तथा तानाशाहियों के कामकाज की तुलना करें तो पाएंगे कि आर्थिक संवृद्धि के मामले में तानाशाहियों का रिकार्ड थोड़ा बेहतर है।
4. असमानता में कमी - विश्व के अधिकांश देशों में असमानता तथा गरीबी सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक समस्या है। जैसा कि लोकतंत्र लोगों की सरकार है. इसलिए इससे आर्थिक असमानता को कम करने की अपेक्षा की जाती है।
5. गरीबी में कमी- विश्व के सभी लोकतंत्र इस मामले में असफल रहे हैं। अधिकांश लोकतंत्र व्यवस्थाओं में मुट्ठीभर लोग आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत ज्यादा हिस्सा पाते हैं। देश की कुल आय में उनका हिस्सा भी बढ़ता गया है। समाज के सबसे निचले हिस्से के लोगों को जीवन बसर करने के लिए काफी कम साधन मिलते हैं।
प्रश्न- तानाशाही को समझाते हुए इसके मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर तानाशाही वह शासन व्यवस्था है जिसमें शासन की समस्त शक्तियाँ एक व्यक्ति अथवा दल के हाथों में होती हैं जो अपनी इच्छानुसार देश के शासन का संचालन करता है। तानाशाह प्रायः कोई फौजी जनरल होता है जो संवैधानिक सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता हथिया लेता है। उसका कार्यकाल निश्चित नहीं होता। वह शक्ति के आधार पर ही शासक बनता है और तब तक अपने पद पर बना रहता है जब तक शक्ति उसे वहाँ पर रख सकती है।
जर्मनी में हिटलर, इटली में मुसोलिनी तथा पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ तानाशाह शासकों के उदाहरण हैं।
तानाशाही के लक्षण - तानाशाही के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं
1. एक नेता तानाशाही में सम्पूर्ण शक्ति एक ही व्यक्ति के हाथ में होती है। सभी उसके नेतृत्व का गुणगान करते हैं। यह समझा जाता है कि वह व्यक्ति कभी गलती नहीं करता। उसकी पूजा होने लगती है।
2. एक दल तानाशाही राज्यों में राजनीतिक दल नहीं होते। यदि राजनीतिक दल होता भी है तो केवल एक ही होता है कोई विरोधी दल संगठित नहीं किया जा सकता। उसका आदर्श है- एक राष्ट्र, एक दल, एक नेता ।
3. सर्वाधिकार प्राप्त राज्य तानाशाही में राज्य की पूजा होती है। राज्य सर्वाधिकारी तथा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सब कुछ राज्य के अन्दर है, न कुछ राज्य से बाहर है, न ही श्रेष्ठ और न ही कोई राज्य के विरुद्ध जा सकता है।
4. सैनिकवाद को बढ़ावा तानाशाह आक्रामक नीति अपनाता है। वह उग्र राष्ट्रवाद का प्रचार करता है तथा सैनिकवाद को बढ़ावा देता है।
5. कर्तव्य तथा अनुशासन पर बल तानाशाही में लोकतंत्र के सिद्धांतों को स्वीकार नहीं किया जाता। इसमें अधिकारों की अपेक्षा कर्तव्यों पर अधिक बल दिया जाता है। इसमें स्वतंत्रता की अपेक्षा अनुशासन पर अधिक बल दिया जाता है।
6. अनुत्तरदायी सरकार तानाशाही सरकार अपने किसी भी कार्य के लिए किसी के प्रति नरदायी नहीं होती, जबकि सभी उसके प्रति उत्तरदायी होते हैं।
