vyavsay adhyayan important questions / व्यावसायिक अध्ययन हिंदी माध्यम में 12 वीं नोट्स PDF / व्यवसाय अध्ययन PDF / business studies class 12 ncert pdf
प्रश्न . उपभोक्ता की दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर—उपभोक्ता की प्रमुख दो समस्याएँ हैं-
(1) सूचना का अभाव—उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को प्राप्त करने का अभाव विभिन्न सरकारी सूचनाएँ उन्हें समय पर प्राप्त नहीं होतीं।
(2) अशिक्षित-उपभोक्ताओं का अशिक्षित होना एक बड़ी समस्या है, विशेष रूप से ग्रामीण उपभोक्त इस कारण से उपभोक्ताओं को व्यापारी वर्ग आसानी से गुमराह करता है।
Q. उपभोक्ता को किन-किन बातों के सम्बन्ध में सावधानियाँ बरतनी चाहिए ?
उत्तर- उपभोक्ता को निम्न सावधानियाँ बरतनी चाहिए-
(1) क्रय की जाने वाली वस्तु से सम्बन्धित सभी सूचनाएँ प्राप्त करनी चाहिए।
(2) क्रय की जाने वाली वस्तु की गुणवत्ता, कीमतएवं स्थिरता की जाँच करनी चाहिए।
(3) क्रय की जाने वाली वस्तु के दुष्प्रभावों से सम्बन्धित सूचना होनी चाहिए।
(4) क्रय की जाने वाली वस्तु के प्रयोग की विधि एवं बरती जाने वाली सावधानियाँ
प्रश्न . संगठन से क्या आशय है ?
उत्तर—संगठन व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है जो निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये नियमबद्ध तथ नियन्त्रण रूप में कार्य करते हैं।
प्रश्न . संगठन को परिभाषित कीजिए।
Or
प्रबन्ध के एक कार्य के रूप में 'संगठन' को परिभाषित कीजिए।
उत्तर—प्रबन्ध के कार्य के रूप में संगठन की परिभाषा प्रो. हैने के शब्दों के अनुसार निम्न रूप में दी जा सकती है, “किसी सामान्य उद्देश्य या उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु विशिष्ट अंगों का मैत्रीपूर्ण संयोजन ही संगठन कहलाता है।"
प्रश्न . संगठन की प्रकृति बताइए। (कोई तीन)
उत्तर—संगठन की निम्नलिखित प्रकृति है—
(1) संगठन व्यक्तियों का समूह है।
(2) यह प्रबन्ध का साधन एवं उपकरण है।
(3) यह सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किया जाता है।
प्रश्न . उदारीकरण क्या है ?
(2020)
उत्तर- उदारीकरण का तात्पर्य सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था में लगाये गये विभिन्न नियमों, नियन्त्रणों व प्रतिबन्धों के ढील देना या हटाने से है ताकि बाजार शक्तियाँ स्वतन्त्र रूप से कार्य कर सकें।
प्रश्न . बाह्य वातावरण से क्या आशय है ?
उत्तर- बाह्य वातावरण से आशय ऐसे बाह्य तत्वों से है जो व्यवसाय व उसकी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। इसके अन्तर्गत व्यापारिक दशाएँ, घटनाएँ एवं तत्व आते हैं जो बड़ी सीमा तक उपक्रम के नियन्त्रण के बाहर हैं पर व्यवसाय पर अपना प्रभाव रखते हैं।
प्रश्न . सूक्ष्म वातावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-सूक्ष्म वातावरण से तात्पर्य उन शक्तियों से जो ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।
प्रश्न . व्यवसाय के सामाजिक पर्यावरण से क्या आशय है? (2020)
उत्तर-व्यवसाय के सामाजिक पर्यावरण में वे सभी सामाजिक शक्तियाँ शामिल हैं जो ग्राहक एवं समाज को व्यापार से अपेक्षित होती है, जैसे-रीति-रिवाज, विश्वास, सामाजिक मूल्य, प्रथाएँ एवं व्यवहार आदि।
प्रश्न . विधिक (कानूनी) पर्यावरण का क्या आशय है ? (2019)
उत्तर- प्रत्येक देश में व्यवसाय संचालन के लिए सरकार द्वारा जो कानून पारित किये जाते हैं, उन्हें कानूनी वातावरण जाता है। सरकार व्यावसायिक गतिविधियों को निर्धारित करती है। सरकार के इन नियमों को कानूनी वातावरण माना जाता है।
प्रश्न . वैश्वीकरण की विशेषताएँ लिखिए। (कोई दो)
उत्तर- वैश्वीकरण की दो विशेषताएँ निम्न हैं-
(1) वैश्वीकरण के द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं के आयात-निर्यात में वृद्धि होती है।
(2) उत्पादन में वृद्धि करने हेतु तकनीक व पूँजी के प्रवाह को प्रोत्साहन मिलता है।
प्रश्न . व्यावसायिक वातावरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- व्यावसायिक वातावरण को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है-
परिभाषा - व्यावसायिक वातावरण का तात्पर्य सभी व्यक्तियों, संस्थाओं और अन्य कारकों का एक है, जो संगठन के नियन्त्रण में हो सकते हैं या नहीं, लेकिन इसके प्रदर्शन, लाभप्रदता, वृद्धि और यहाँ तक अस्तित्व को प्रभावित करता है।
प्रश्न प्रबन्ध किसे कहते हैं ?
उत्तर- प्रबन्ध से आशय निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के मानवीय व्यवहार एवं क्रियाओं का निर्देशन करने से है। अन्य शब्दों में व्यक्त किया जाये तो “किसी संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये सामूहिक प्रयासों के नियोजन, संगठन, समन्वय, निर्देशन एवं नियन्त्रण की प्रक्रिया को प्रबन्ध कहा जाता है। "
प्रश्न . प्रबन्ध की परिभाषा दीजिए। * (NCERT)
उत्तर- एफ. डब्ल्यू. टेलर के अनुसार, “प्रबन्ध ठीक से यह जानने की कला है कि आप व्यक्तियों से क्या करवाना चाहते हैं और तत्पश्चात् यह देखना है कि वे इसे सर्वोत्तम एवं मितव्ययतापूर्ण विधि से किये जा रहे हैं।"
प्रश्न . प्रबन्ध एक प्रक्रिया है। समझाइए ।
उत्तर- प्रबन्ध उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मानवीय प्रयासों, कार्यों, तकनीक व अन्य संसाधनों को संयोजित एवं समन्वित करने की प्रक्रिया है। प्रबन्ध व्यक्तियों से कार्य कराने एवं निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
प्रश्न . प्रबन्ध के आधारभूत तत्त्व कौन-से हैं ?
उत्तर- प्रबन्ध के आधारभूत तत्व निम्नलिखित हैं-
(1) मानव शक्ति,
(2) माल,
(3) मशीन,
(4) मुद्रा,
(5) विधि एवं ज्ञान तथा
(6) बाजार।
प्रश्न . उद्यमी के कोई दो कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- उद्यमी के प्रमुख दो कार्य निम्न हैं-
(1) नये उत्पाद के निर्माण या सेवा प्रदान करने हेतु जोखिम उठाना।
(2) नये उत्पाद व सेवा को सफलतापूर्वक विक्रय हेतु बाजार में लाना होता है।
प्रश्न . उद्यमी से क्या आशय है ?
उत्तर- उद्यमी एक ऐसा व्यक्ति है जो व्यापार-उद्यम का आयोजन करता है और उसमें निहित जोखिम को वहन करता है।
प्रश्न . उद्यमी की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- उद्यमी की परिभाषा शुम्पीटर के अनुसार, "बहुआयामीकर्ता के रूप में उद्यमी ही वह उत्प्रेरक है जो भौतिक, प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों का उपयोग अनुकूल उत्पादन सम्भावनाओं में परिवर्तित करता है।"
प्रश्न . स्थानीयकरण के आधार पर उद्यमिता का वर्गीकरण कीजिए ।
उत्तर- -स्थानीयकरण के आधार पर उद्यमिता को दो भाग में विभाजित किया जाता है-
(1) केन्द्रीकृत उद्यमिता व
(2) विकेन्द्रित उद्यमिता ।
प्रश्न . स्टार्टअप इण्डिया योजना क्या है ?
उत्तर- स्टार्टअप इण्डिया योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी यंत्र का निर्माण कर देश का आर्थिक विकास एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है।
प्रश्न . व्यवसाय / व्यापार के दृष्टिकोण से उपभोक्ता संरक्षण के महत्त्व को समझाइए ।
अथवा
(NCERT; 2020)
व्यवसाय के दृष्टिकोण से 'उपभोक्ता संरक्षण' के महत्त्व के किन्हीं चार बिन्दुओं को समझाइए ।
उत्तर- उपभोक्ता संरक्षण का महत्त्व व्यवसाय/व्यापार के दृष्टिकोण से निम्न प्रकार है-
(1) अनैतिक क्रियाओं पर रोक कई व्यावसायिक उपक्रम अपने ही क्षेत्र के अन्य व्यावसायिक उपक्रम की क्रियाओं से प्रभावित होते हैं जिनका सीधा प्रभाव उनके लाभ पर पड़ता है। इनमें कुछ अनैतिक क्रियाएँ भी शामिल होती हैं जिनका उपयोग कर वे अन्य व्यवसाय को प्रभावित करते हैं। उपभोक्ता संरक्षण के द्वारा ऐसी अनैतिक क्रियाओं को रोक मिलती है।
(2) वस्तु की गुणवत्ता-उपभोक्ता संरक्षण के कारण उत्पादक अपनी वस्तु की गुणवत्ता बनाये रखता है जिससे उसका उत्पाद व्यवसाय जगत में प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
(3) विपणन में सहायक उपभोक्ता संरक्षण से व्यवसाय को उपभोक्ताओं की इच्छाओं की जानकारी मिलती है जिससे उन्हें अपने उत्पाद की विपणन नीति बनाने में सहायता मिलती है ।
(4)वितरण में सहायक—उपभोक्ता संरक्षण उत्पादकों को वितरण प्रक्रिया में होने वाली कमियों व दोषों से अवगत कराती है जिसे उत्पादक दूर कर अपना उत्पाद अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सफल हो जाता है।
प्रश्न . उपभोक्ता के किन्हीं तीन अधिकारों का वर्णन कीजिए।
अथवा
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत प्रदत्त उपभोक्ताओं के किन्हीं छः अधिकारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत उपभोक्ता के निम्न अधिकारों को समझाइए-
(अ) सुरक्षा का अधिकार, (ब) शिकायत का अधिकार ।
अथवा
उपभोक्ता के अधिकारों को समझाइए ।
उत्तर- उपभोक्ताओं के मूलभूत अधिकार निम्नलिखित हैं-
(1) सुरक्षा का अधिकार—उपभोक्ता द्वारा क्रय किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादों से सुरक्षा सम्बन्धी अधिकार प्राप्त होने चाहिए। उत्पाद से किसी भी प्रकार की शारीरिक क्षति, स्वास्थ्य या जीवन के लिये हानिकारक नहीं होने चाहिए। विभिन्न प्रकार के पदार्थों में सुरक्षा के उपाय किये जाने चाहिए एवं मिलावट व निम्न स्तरीय वस्तु को उपभोग हेतु प्रस्तुत नहीं करना चाहिए।
(2) सूचना का अधिकार उपभोक्ताओं को उत्पाद के सम्बन्ध में विभिन्न सूचनाएँ निर्माताओं द्वारा उपलब्ध की जानी चाहिए। उपभोक्ता को उत्पाद की किस्म, तत्त्व, मात्रा, मूल्य, प्रयोग विधि, प्रयोग अवधि, प्रभावों आदि से सम्बन्धित सूचनाओं का पूर्ण वर्णन प्रदान किया जाना चाहिए। इस प्रकार की सूचनाएँ उपभोक्ता को वस्तु के चुनाव करने में सहायक होती हैं।
(3) चुनाव की सुविधा—उपभोक्ता को विभिन्न उत्पादों में से अपनी पसन्द के उत्पाद को प्रतियोगी मूल्य पर चुनाव करने का अधिकार प्राप्त होना चाहिए। उपभोक्ता को इस बात की स्वतन्त्रता प्राप्त होनी चाहिए कि वे प्रतियोगी बाजार से उचित कीमत पर अच्छी एवं टिकाऊ वस्तु को क्रय कर सकें।
पान 12. विज्ञापन से उत्पादकों को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-उत्पादकों को विज्ञापन से निम्न लाभ प्राप्त होते हैं-
(1) वस्तु की माँग में वृद्धि - विज्ञापन के कारण वस्तु या सेवा की माँग में वृद्धि के कारण आधुनिकतम एवं उन्नत तकनीक के प्लाण्ट व मशीनों का प्रयोग सम्भव होता है। इस कारण गुणवत्ता उत्पाद का उत्पादन कम लागत पर होता है।
(2) अनुचित प्रतियोगिता में कमी-विज्ञापन के द्वारा उत्पादकों को अनुचित व्यापारिक प्रतियोगिता से सुरक्षा मिलती है क्योंकि विज्ञापन के द्वारा उपभोक्ता वस्तु के ब्राण्ड, उत्पाद व वस्तु के गुणों का ज्ञान होता है।
(3) उत्पाद का स्टॉक करना-विज्ञापन के द्वारा फुटकर व्यापारियों को जिस उत्पाद की विज्ञापन के कारण माँग बढ़ती है, उसको स्टॉक में रखना अनिवार्य हो जाता है। अन्यथा उनके ग्राहक प्रतियोगी के पास चले जाएँगे। इस कारण उत्पादक व फुटकर व्यापारियों के विक्रय की मात्रा व लाभ में वृद्धि होती है।
(4) मूल्य स्थिरता व परिवर्तनों की सूचना-विज्ञापन के मूल्यों में स्थिरता लायी जा सकती है जिससे उपभोक्ताओं के मध्य विश्वास उत्पन्न किया जा सकता है। साथ ही उत्पाद में किसी प्रकार के किये गये परिवर्तनों का तुरन्त ज्ञान उपभोक्ताओं व ग्राहकों के मध्य विज्ञापन के माध्यम से शीघ्र पहुँचाया जा सकता है।
