mp board class 10th social science loktantra ki vividhata

Sachin ahirwar
By -
0

लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 3 question answer / सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 पाठ 3 के प्रश्न उत्तर / अध्याय 3 लोकतंत्र और विविधता prashn uttar / लोकतंत्र और विविधता कक्षा 10 extra questions


 अध्याय 3

लोकतंत्र और विविधता


महत्वपूर्ण बिंदु 


● लोकतंत्र एक प्रकार की सरकार है जिसमें सत्ता लोगों के हाथों में होती है और सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह होती है, जो संवैधानिक साधनों से उसे बदल सकते हैं।


● एफ्रो-अमेरिकन, अश्वेत अमरीकी या अश्वेत शब्द का प्रयोग प्रायः उन अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17वीं सदी से लेकर 19वीं सदी की शुरूआत तक अमरीका में गुलाम बनाकर लाया गया था।


● किसी देश या समाज में नस्ल के आधार पर कुछ लोगों को नीचा या हीन समझना नस्लभेद है।


● (रंग के आधार पर भेदभाव करना अर्थात् जहाँ श्वेत और अश्वेत लोग रहते हैं वहाँ अश्वेतों के साथ बुरा व्यवहार करना, रंगभेद कहलाता है। 

● अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन एक ऐसा आन्दोलन था जिसका उद्देश्य अश्वेत लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल पर आधारित भेदभाव को समाप्त कराना था।


● मार्टिन लूथर किंग नागरिक अधिकार आन्दोलन के मुख्य नेता थे। उन्होंने नस्ल के आधार पर होने वाले भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाई जो अंत में सफल हुई।


● अश्वेत शक्ति आन्दोलन 1966 से 1975 तक चला। नस्ल के आधार पर भेदभाव के प्रति इस आन्दोलन का रवैया अधिक उग्र था जो इसे समाप्त कराने के लिए हिंसा का सहारा लेने का भी समर्थन करते थे। शुरू हुई राजनीतिक होड़ में


● यूगोस्लाविया में धार्मिक और जातीय विभाजन के आधार पर यूगोस्लाविया कई टुकड़ों में बँट गया।


● जर्मनी और स्वीडन जैसे देशों में समाज समरूप है। भारत काफी बड़ा देश है इसमें अनेक समुदायों के लोग रहते हैं।


● सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आधारित होता है।


● सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। 

● उत्तरी आयरलैंड के कुछ स्थानों में प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक लोगों के समुदाय दीवार के माध्यम से बेटे हैं।


● समरूप समाज एक ऐसा समाज होता है जिसमें जातीय विभिन्नताएँ अधिक गहरी नहीं होतीं।


विभाजित समाज एक ऐसा समाज होता है जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ बहुत गहरी होती है। 


● ऐसे व्यक्ति जो अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अथवा अच्छे आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए देश के एक क्षेत्र से जाकर किसी दूसरे क्षेत्र में अथवा

किसी अन्य देश में जाकर बस जाते हैं, उन्हें प्रवासी कहा जाता है।


० सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम तीन चीजों पर निर्भर करता है - पहली लोगों में अपनी पहचान की भावना, दूसरी किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं, तीसरी सरकार का रुख ।


● किसी भी देश में सामाजिक विभिन्नताओं पर जोर देने की बात को हमेशा खतरा मानकर नहीं चलना चाहिए। 

● इतिहास बताता है कि ऐसी तमाम गड़बड़ियों की पहचान करने और विविधता को समाहित करने का लोकतंत्र ही सबसे अच्छा तरीका है।


पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।


उत्तर- सामाजिक विभाजन की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक निम्न हैं 


1. लोग अपनी पहचान को किस प्रकार देखते हैं सर्वप्रथम, यह बात इस तथ्य पर निर्भर करती है कि लोग अपनी पहचान को किस प्रकार से देखते हैं, यदि वे अपने आपको एक धर्म अथवा जाति के आधार पर अन्य लोगों से अलग रखते हैं तथा अलग सोचते हैं तो यह स्थिति बहुत ही खतरनाक हो सकती है। उदाहरणस्वरूप, उत्तर-आयरलैंड के लोग अपने को केवल रोमन कैथोलिक्स तथा प्रोटेस्टेंट के रूप में देखते रहेंगे तब तक वहाँ तनाव की स्थिति बनी रहेगी। इसके दूसरे ओर बेल्जियम में लोगों ने भाषा के आधार पर अपने को बाँटने की बजाए अपने को बेल्जियम के नागरिक मानकर आपस में समझौता कर लिया है और देश को विभाजन के खतरे . से बचा लिया है। सौभाग्यवश, भारत में भी अधिकतर लोग पहले भारतीय के रूप में अपनी पहचान को अधिक महत्त्व देते हैं और ऐसा ही नजरिया रखते हैं और बाद में अपने को किसी प्रदेश, भाषा-समूह या धार्मिक और सामाजिक समुदाय का सदस्य मानते हैं। 

2. राजनैतिक दलों की भूमिका- दूसरे स्थान पर महत्त्वपूर्ण बात यह है कि राजनैतिक दल तथा नेता; लोगों की माँगों को किस प्रकार से उठा रहे हैं। संविधान के दायरे में आने वाली और दूसरे समुदायों के हितों को नुकसान न पहुँचाने वाली माँगों को मान लेना आसान होता है। श्रीलंका में 'सिंहली' लोगों की माँग 'श्रीलंका केवल सिंहलियों के लिए तमिल समुदाय की पहचान तथा हितों के खिलाफ है, अत: उसका कोई समाधान नहीं हो सका है और वहाँ पर दोनों समूहों के बीच तनाव और हिंसा की स्थिति बनी हुई है।


3. सरकार का रुख - तीसरे, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि सरकार विभिन्न समूहों की माँगों के बारे में क्या रुख रखती है, यदि सरकार सत्ता में साझेदारी करने के लिए तैयार है और अल्पसंख्यक समुदाय की उचित माँगों को पूरा करने की ईमानदारी से कोशिश करती है तो सामाजिक विभाजन देश के लिए खतरा नहीं बनते इसके विपरीत यदि सरकार, राष्ट्रीय एकता तथा हित के नाम पर अल्पसंख्यकों की माँगों को दबाना शुरू कर दे, तो उसके भयानक परिणाम हो सकते हैं। सत्ता के बल पर एकता बनाए रखने का प्रयत्न प्रायः विभाजन की ओर से जाता है। इस सम्बन्ध में दोनों देशों, बेल्जियम तथा श्रीलंका के उदाहरण हमारे सामने हैं।


प्रश्न 2. सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं?


 उत्तर - साधारणत: सामाजिक विभिन्नताएँ जन्म, रंग, लिंग, भाषाओं, धर्मों तथा संस्कृतियों पर आधारित होती हैं, विश्व के अनेक ऐसे समाज हैं जिनमें भिन्न-भिन्न रंगों (काले तथा गोरे) के लोग रहते हैं, जो एक-दूसरे से घृणा करते हैं और गोरे (श्वेत) लोग काले (अश्वेत) रंग के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और सरकार भी उनके प्रति उपेक्षापूर्ण तथा नकारात्मक नीति अपनाती है। जब भी इस प्रकार का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से अधिक महत्त्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे अलग-अलग समुदाय के हैं तो उससे सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा हो जाती है। अमेरिका जैसे देश में काला तथा गोरे का अन्तर एक सामाजिक विभाजन बन जाता है क्योंकि काले लोग आमतौर पर गरीब हैं, उपेक्षित हैं तथा भेदभाव का शिकार हैं, कुछ वर्ष पहले तक दक्षिण अफ्रीका में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। भारत में सामाजिक विभाजन जाति पर आधारित है जिसमें दलित वर्ग के लोग, जो आमतौर पर गरीब तथा भूमिहीन हैं अन्याय का शिकार होते रहते हैं।


प्रश्न 3. सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं? दो उदाहरण भी दीजिए।


उत्तर- सामाजिक विभाजन का राजनीति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिद्वन्द्विता का माहौल होता है। इस प्रतिद्वन्द्विता के कारण कोई भी समाज फूट का शिकार हो सकता है। अगर राजनीतिक दल समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीतिक होड़ करने लगे तो इससे सामाजिक विभाजन राजनैतिक विभाजन में बदल सकता है और ऐसे में देश विखंडन की तरफ जा सकता है। ऐसा कई देशों में हो चुका है।


उदाहरण 1. उत्तरी आयरलैंड में सामाजिक विभाजन के कारण जातीय टकराव हुए। 2. यूगोस्लाविया में धार्मिक और जातीय विभाजन के आधार पर शुरू हुई राजनीतिक होड़ में देश कई टुकड़ों में बँट गया।



अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न


वस्तुनिष्ठ प्रश्न


प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए -


• निम्न में से कौन अमेरिका में होने वाला नागरिक अधिकार आन्दोलन (1954 1968) से सम्बन्धित है


(क) अफ्रीकी-अमेरिकन लोगों के खिलाफ होने वाले कानूनी नस्लवादी भेदभाव को मिटाना


(ख) असमान आय वितरण को मिटाना


(ग) स्वास्थ्य


(घ) शिक्षा


उत्तर- (क) अफ्रीकी-अमेरिकन लोगों के खिलाफ होने वाले कानूनी नस्लवादी भेदभाव को मिटाना


• निम्न में से किसका आशय अमेरिका में अश्वेत शक्ति आन्दोलन (1966-75) से है -


(क) एक अहिंसक सुधार आन्दोलन


(ख) अमेरिकन स्वतंत्रता आन्दोलन


(ग) नस्लवाद के विरुद्ध एक उम्र आन्दोलन


(घ) एक धार्मिक आन्दोलन


उत्तर- (ग) नस्लवाद के विरुद्ध एक उग्र आन्दोलन


●टॉमी स्मिथ तथा जॉन कार्लोस ने क्यों बिना जूता पहने केवल जुराब में अपना पदक ग्रहण किया था ?


(क) उनके पास जूता नहीं था

 (ख) वे ओलंपिक संघ से नाराज थे


(ग) काले जूते की अनुपलब्धता के कारण 

(घ) अमेरिका में काले लोगों की गरीबी एवं नस्लवादी भेदभाव की और विश्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए


उत्तर (घ) अमेरिका में काले लोगों की गरीबी एवं नस्लवादी भेदभाव की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए


● ओलंपिक पदक समारोह में रजत पदक विजेता पीटर नॉर्मन ने अपनी जर्सी पर मानवाधिकार का बिल्ला क्यों लगाया था


(क) स्मिथ और कार्लोस के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए (ख) अमेरिकी सरकार के प्रति सम्मान दर्शाने के लिए


(ग) वह मानवाधिकार आयोग का कर्मचारी भी था


(घ) उसे उस बिल्ला का रंग पसंद था


उत्तर (क) स्मिथ और कार्लोस के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए 


● निम्न में से कौन भारत में सामाजिक विभाजन का आधार नहीं है -


(क) भाषा (ग) धर्म


(ख) स्वास्थ्य


(घ) जाति प्रश्न 

उत्तर- (ख) स्वास्थ्य


2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -




1. समरूप समाज……….. में है।


2. अमेरिका से नस्लवाद को मिटाने के लिए………. 1966 में उभरा और 1975 तक चलता रहा।


3. ......... का नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग ने किया था।


4. अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य ..... था।


5. टॉमी स्मिथ तथा जॉन कार्लोस दोनों हो .......... थे ।


उत्तर- 1. जर्मनी और स्वीडन, 2. अश्वेत शक्ति आन्दोलन, 3. नागरिक अधिकार आन्दोलन, 4. नस्ल के आधार पर भेदभाव करने वाले कानूनों को समाप्त करना,

5. एफ्रो- अमेरिकी 


प्रश्न 3. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए


● स्मिथ और कार्लोस का ओलंपिक पदक वापस क्यों ले लिया गया ? 


उत्तर- संघ ने उन्हें राजनीतिक बयान देकर ओलंपिक भावना का उल्लंघन करने कादोषी माना था।


● श्रीलंका में किस तरह का सामाजिक विभेद है? 

उत्तर- भाषाई एवं धार्मिक।


सामाजिक भेदभाव की सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्पत्ति क्या है?


उत्तर- जन्म पर आधारित ।


● प्रवासी से क्या आशय है?


उत्तर- आर्थिक अवसरों की खोज में एक से दूसरे स्थान पर लोगों का जाकर रहना ।


• यूगोस्लाविया में धार्मिक एवं जातीय समूहों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता का क्या प्रभाव हुआ ?


उत्तर- यूगोस्लाविया का छः स्वतंत्र राष्ट्रों में विघटन। 


प्रश्न 4. सत्य / असत्य का चयन कीजिए


1. उत्तरी आयरलैंड में जातीय राजनीतिक संघर्ष का अंत संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप द्वारा हुआ।


2. वह समाज जिसमें कोई खास जातीय अंतर नहीं होता है, का आशय समरूप समाज से है।


3. ग्रेट ब्रिटेन में मुख्यतः कैथोलिक्स ईसाई सम्प्रदाय रहता है। -


4. हाल ही में सैन होज स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने कैम्पस में स्मिथ, कार्लोस और नॉर्मन की मूर्तियाँ लगवाई हैं। 

5. बेल्जियम में धार्मिक प्रकार की सामाजिक विविधता या विभाजन पाया जाता है।


उत्तर- 1. असत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. सत्य, 5. असत्य ।


अति लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न सामाजिक विभाजन का क्या अर्थ है ?


उत्तर- सामाजिक विभाजन का अर्थ है समाज का जाति, धर्म, भाषा, लिंग, सभ्यता अथवा क्षेत्र आदि के आधार पर विभाजन।


प्रश्न सामाजिक विभिन्नता से आप क्या समझते हैं?


उत्तर- सामाजिक विभिन्नता का अर्थ है कि एक समूह के लोग सामाजिक, आर्थिक धार्मिक अथवा जातीय असमानता के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं जिससे लोगों के बीच भेदभाव किया जाता है।


प्रश्न अश्वेत शक्ति आन्दोलन क्या था? -


उत्तर- यह एक ऐसा आन्दोलन था जिसका उद्देश्य अश्वेत लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल पर आधारित भेदभाव को समाप्त कराना था। मार्टिन लूथर किंग इस आन्दोलन के मुख्य नेता थे।


प्रश्न- भारत में सामाजिक विभाजन का क्या आधार है?

उत्तर भारत में सामाजिक विभाजन का आधार सामाजिक भिन्नता तथा सांस्कृतिक विभिन्नता है।


प्रश्न नागरिक अधिकार आन्दोलन क्या था ?


उत्तर- नागरिक अधिकार आन्दोलन एफ्रो-अमेरिकी लोगों के विरुद्ध होने वाले वैध नस्ल आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए मार्टिन लूथर द्वारा आरम्भ किया गया सुधार

आन्दोलन था।


प्रश्न एफ्रो-अमेरिकी कौन थे ?


उत्तर- एफ्रो-अमेरिकन, अश्वेत अमेरिकी या अश्वेत शब्द उन अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है, जिन्हें 17वीं सदी से लेकर 19वीं सदी की शुरुआत तक अमेरिका में गुलाम बनाकर लाया गया था।


प्रश्न- सामाजिक विभिन्नताओं का टकराव क्या है? 

उत्तर - जब एक सामाजिक मसला दूसरे सामाजिक मसले से टकराता है, तो उसे सामाजिक विभिन्नताओं का टकराव कहते हैं।


प्रश्न- समरूप समाज क्या है? दो उदाहरण दें।


उत्तर - समरूप समाज एक ऐसा समाज है जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होतीं। उदाहरण जर्मनी और स्वीदन


लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न- अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन (1954-1968) घटनाओं और सुधार आन्दोलनों का एक सिलसिला था जिसका उद्देश्य एफ्रो-अमेरिकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल पर आधारित भेदभाव को मिटाना था। मार्टिन लूथर किंग जूनियर की अगुवाई में लड़े गए इस आन्दोलन का स्वरूप पूरी तरह अहिंसक था। इस आन्दोलन ने अनेक राष्ट्रवादियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नस्ल आधारित भेदभाव के मुद्दे को उठाने के लिए प्रेरित किया। इस आन्दोलन से प्रेरित होकर टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने मैक्सिको ओलंपिक में नस्ल आधारित भेदभाव के मुद्दे को उठाया।


प्रश्न अश्वेत शक्ति आन्दोलन क्या था ? यह नागरिक अधिकार आन्दोलन से किस प्रकार भिन्न था ?


अथवा


संयुक्त राज्य अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन का नेता कौन था ? इस आन्दोलन का महत्व बताइए। 

उत्तर- अश्वेत शक्ति आन्दोलन अफ्रीका में आरम्भ हुए नस्ल पर आधारित आन्दोलन के विपरीत था। 


नागरिक अधिकार आन्दोलन तथा अश्वेत शक्ति आन्दोलन में अन्तर



नागरिक अधिकार आंदोलन

अश्वेत शक्ति आंदोलन


यह आंदोलन 1954 से 1968 के बीच उठा था

यह आंदोलन 1966 से उठा और 1976 तक चला था।


यह एक अहिंसात्मक आंदोलन था।

यह हिंसा में विश्वास रखता था।


यह आंदोलन मार्टिन लूथर किंग कनिष्ठ के नेतृत्व में चलाया गया।

इसका कोई नेता नहीं था।


यह नक्सलवादी भेदभाव संबंधी नियमों तथा व्यवहार के विरुद्ध एक सामाजिक असहयोग आंदोलन था।

यह अनियोजित क्रांतिकारी तथा नक्सलवाद के विरोध का आंदोलन था।


वास्तव में यह एक सुधारवादी आंदोलन था।

नक्सलवाद को समाप्त करने वाला यह आंदोलन हिंसा से ही रुका था।



मार्टिन लूथर किंग संयुक्त राज्य अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन का नेता था।

महत्व इस आंदोलन में नक्सल के आधार पर भेदभाव करने वाले कानूनों और व्यवहार को समाप्त करने की मांग उठाई गई जो अंततः है सफल हुई।



प्रश्न लोकतंत्र में भेदभाव पर खुली बहस करने से लोगों को क्यों नहीं रोका जाना चाहिए?


उत्तर- लोकतंत्र में भेदभाव पर खुली बहस करने से लोगों को रोका नहीं जाना चाहिए। चाहे जाति एवं प्रजाति को किसी भी आधार पर वर्गीकृत कर लें, यदि वंचित लोगों द्वारा भुगती जाने वाली मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़नाओं को रोका नहीं जा सकता और यदि समाज में अत्याचार एवं भेदभाव जारी है तो हमें अपने आपको एक लोकतांत्रिक राष्ट्र कहने का कोई अधिकार नहीं है।


अत: बहस से बचना एक तरह से लोकतंत्र को दबाने जैसा है। इसके उलट बहस एवं चर्चा से हमें ऐसे तरीके मिल सकते हैं, जिनके द्वारा इन असामाजिक व्यवहारों को रोका जा सकता है। इनके द्वारा वंचित वर्गों के साथ खुशियाँ एवं दुःख हम बराबर बाँट सकते हैं।


प्रश्न - क्या एक देश में सामाजिक विभिन्नताओं का मौजूद होना उसकी एकता के लिए खतरनाक होता है?


उत्तर- एक देश में सामाजिक विभिन्नताओं का मौजूद होना आवश्यक रूप से देश के लिए खतरनाक नहीं होता। लोकतंत्र में सामाजिक विभाजन एक आम बात होती है और यह एक स्वस्थ राजनीति का लक्षण भी हो सकता है। राजनीति में विभिन्न प्रकार के सामाजिक विभाजनों की अभिव्यक्ति ऐसे विभाजनों के बीच संतुलन पैदा करने का काम भी करती है, जिससे करें विभाजन एक हद से अधिक उम्र नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में लोकतंत्र अधिक मजबूत होता है। 


प्रश्न- सभी प्रकार के सामाजिक मतभेद जन्मजात दुर्घटना पर आधारित नहीं होते। क्यों?


उत्तर- सभी प्रकार के सामाजिक मतभेद जन्मजात दुर्घटना पर आधारित नहीं होते क्योंकि, हमारे कई मतभेद हमारे अपने चुनाव पर आधारित होते हैं। उदाहरणतः कुछ लोग नास्तिक (ईश्वर में विश्वास न करने वाले) होते हैं जबकि कई अन्य धर्म का पालन करते हैं। कई मतभेद हमारे द्वारा चुने गए व्यवसाय पर आधारित होते हैं। कुछ मतभेद विचारधारा पर आधारित होते हैं। उदाहरण के रूप में भारत में अनेक राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं पर आधारित है।


प्रश्न अधिकांश देशों में किसी न किसी प्रकार का सामाजिक विभाजन दिखाई देता है।' व्याख्या करें।


उत्तर अधिकांश देशों में किसी न किसी प्रकार का सामाजिक विभाजन दिखाई देता है। क्योंकि, विश्व के अधिकतर देशों में विभिन्न जातियों तथा विभिन्न संस्कृतियाँ हैं। भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेक धर्मों तथा समुदायों के लोग साथ-साथ रहते हैं। बेल्जियम एक



छोटा देश है परन्तु वह भी बहुविध संस्कृतियों का देश है। जर्मनी और स्वीडन जैसे समरूप समाज में भी जहाँ मोटे तौर पर अधिकतर लोग एक ही नस्ल और संस्कृति के हैं, दुनिया के दूसरे हिस्सों से पहुँचने वाले लोगों के कारण तेजी से बदलाव आ रहा है। ऐसे लोग अपने साथ अपनी संस्कृति


लेकर पहुँचते हैं। उनमें अपना अलग समुदाय बनाने की प्रवृत्ति होती है। अतः स्पष्ट है कि अधिकांश देशों में किसी न किसी प्रकार का सामाजिक विभाजन दिखाई देता है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न सामाजिक विभिन्नताओं के कारणों का उल्लेख कीजिए।"


अथवा


समाज में सामाजिक मतभेद क्यों पैदा होते हैं ? वर्णन कीजिए।


उत्तर- सामाजिक विभिन्नताएँ या समाज में सामाजिक मतभेद पैदा होने के कारण निम्न हैं 


1. जन्म पर आधारित विभिन्नताएँ जन्म सामाजिक विभिन्नताओं के लिए उत्तरदायी एक महत्वपूर्ण कारक है। भारत में एक व्यक्ति को निम्न जाति का माना जाता है क्योंकि उसका जन्म निम्न वर्ग के परिवार में हुआ था। श्वेत अश्वेतों से भेदभाव उनके रंग के कारण करते हैं और रंग भी जन्म से ही नियंत्रित होता है।


2. पसंद या चुनाव पर आधारित विभिन्नताएँ कुछ चीजें हमारी पसंद था चुनाव के आधार पर भी तय होती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग नास्तिक होते हैं। वे ईश्वर पर अथवा किसी धर्म में विश्वास नहीं करते। व्यवसाय के चुनाव के कारण भी विभिन्नताएँ पैदा होती हैं। विभिन्न व्यवसायों तथा आर्थिक गतिविधियों के कारण भी लोगों में विभिन्नताएँ पैदा होती हैं।


3. धर्म पर आधारित विभिन्नताएँ कभी-कभी सामाजिक विभिन्नता का कारण धर्म भी हो सकता है। यह बड़ी सामान्य बात है कि एक ही धर्म से सम्बन्ध रखने वाले लोग महसूस करने लगते हैं कि वे एक ही समुदाय से सम्बन्ध नहीं रखते क्योंकि उनकी जाति या पंथ भिन्न है। 


4. आर्थिक स्थिति पर आधारित विभिन्नताएँ आर्थिक स्थिति भी सामाजिक विभिन्नताओं के लिए उत्तरदायी एक कारण हो सकती है। एक ही समुदाय, धर्म अथवा पंथ से सम्बन्ध रखने वाले अमीर तथा गरीब लोग एक-दूसरे के साथ ज्यादा घनिष्ठ सम्बन्ध नहीं रख पाते क्योंकि वे सोचने लगते हैं कि उनमें भिन्नता है।


5. जाति/ रंग पर आधारित विभिन्नताएँ विश्व के अनेक भागों में जाति / रंग के आधार - पर भेदभाव किया जाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में उनकी चमड़ी के रंग के कारण भेदभाव होता था।



प्रश्न विभिन्नताओं में सामंजस्य व टकराव में अन्तर स्पष्ट कीजिए।


उत्तर विभिन्नताओं में सामंजस्य व टकराव में अन्तर





विभिन्नताओं में सामंजस्य

विभिन्नताओं में टकराव


इसके अंतर्गत सामाजिक विभिन्नता ने एक दूसरे में कुछ जाती हैं।

इसके अंतर्गत सामाजिक विभिन्नताओं में अन्य विभिन्नताओं से टकराव होता है।


इसमें लोग यह महसूस करने लगते हैं कि यह विभिन्न समुदायों से संबंध रखते हैं।

इनमें कई समूह किसी एक मुद्दे पर एक जैसे हो जाते हैं जबकि किसी दूसरे मुद्दे पर उनके नजरियों में अंतर हो सकता है।


इससे गहरी सामाजिक विभाजन की संभावना बन जाती है।

इन्हें संभालना अपेक्षाकृत आसान होता है।


उदाहरण अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं बेघर हैं और भेदभाव का शिकार हैं

नीदरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच ऐसा मेल नहीं दिखाई देता है। वहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट दोनों में अमीर और गरीब हैं।



प्रश्न सामाजिक विभाजन राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं? उत्तरी आयरलैण्ड का उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।


उत्तर राजनीति एवं सामाजिक विभाजन का संयोग बहुत खतरनाक एवं विस्फोटक है। प्रजातंत्र में कई राजनीतिक दल होते हैं जिनकी प्रवृत्ति समाज को विभाजित करने की होती है। सामाजिक विभाजन से राजनीतिक विभाजन उत्पन्न होता है, जिससे संघर्ष, हिंसा और यहाँ तक कि देश का विभाजन भी हो जाता है। राजनीति में सभी सामाजिक विभाजनों से संघर्ष उत्पन्न नहीं होते हैं। किसी प्रजातांत्रिक समाज में यह स्वाभाविक ही है कि राजनीतिक दल इन विभाजनों के विषय में बात करेंगे और विभिन्न समुदायों से भिन्न-भिन्न वादे करेंगे। सामाजिक विभाजन विभिन्न देशों में मतदान को प्रभावित करता है। यह संभव है कि किसी विशेष समुदाय के लोग कुछ दलों को अन्य दलों की अपेक्षा अधिक पसन्द करते हों जबकि कई देशों में कई दल ऐसे होते हैं जो केवल एक समुदाय पर ही ध्यान केन्द्रित करते हैं।


उदाहरण के लिए, उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिक समुदाय का नेतृत्व कर रही नेशनलिस्ट पार्टी ने माँग की थी कि उत्तरी आयरलैंड को आयरलैंड गणराज्य के साथ मिला दिया जाए जबकि प्रोटेस्टेंट समुदाय इंग्लैंड को एकतावादी पार्टी के साथ रहा। इसने एक सशस्त्र हिंसा को जन्म दिया परन्तु इसका समाधान 1998 में एक समझौते द्वारा हुआ।




एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)