mp board class 10th important question 2024 pdf // vigyan ke mahatvpurn prashn
प्रश्न- नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में क्या अंतर है?
उत्तर - नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में अंतर
नाभिकीय विखंडन | नाभिकीय संलयन |
1. इसमें एक भारी नाभिक दो हल्के नाभिकों में विखंडित होता है। | 1. इसमें दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं। |
2. नाभिकीय विखंडन में नाभिकीय संलयन की तुलना में ऊर्जा कम मात्रा में उत्पन्न होती है। | 2. ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में उत्पन्न होती है। |
3. नाभिकीय विखंडन में भारी परमाणु के नाभिक को न्यूट्रॉन द्वारा बमबारी कराकर हल्के नाभिकों में तोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए | 3. नाभिकीय संलयन में दो ड्यूटीरियम (2H) नाभिकों के मिलने से हीलियम नाभिक बनता है। उदाहरण H+2H→ 3 He + (n) + ऊर्जा |
4. यह अभिक्रिया नियंत्रित रूप से कराई जा सकती है तथा विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती | 4. अभी तक नाभिकीय संलयन अभिक्रिया का नियंत्रण संभव नहीं हो पाया है। |
5. यह एक श्रृंखला अभिक्रिया है। | 5. यह शृंखला अभिक्रिया नहीं है। |
प्रश्न- विद्युत विभव एवं विभवांतर में अंतर लिखिए।
विद्युत विभव | विभवांतर |
1. संपर्क में रखे दो चालकों में विद्युत विभव वह कारक है, जो उनमें आवेश प्रवाह की दिशा को निर्धारित करता है। | 1. विद्युत क्षेत्र के किन्हीं दो बिन्दुओं के विभव में अंतर को विभवांतर कहते हैं। |
2. एकांक धनावेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य को इस बिन्दु पर विद्युत विभव कहते हैं। | 2. विद्युत क्षेत्र में एकांक धनावेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उन दोनों बिन्दुओं के बीच विभवांतर कहते हैं। |
3. विद्युत विभव को प्राय: V से प्रदर्शित करते | 3. विभवान्तर को P.D. द्वारा व्यक्त किया जाता है। |
4. विद्युत विभव (V) =W/Q यहाँ W | परीक्षण आवेश को विद्युत क्षेत्र में अनंत से किसी बिन्दु तक लाने में प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य तथा Q परीक्षण आवेश है। | 4. विभवांतर (P.D.) = W/q°यहाँ W परीक्षण आवेश को विद्युत क्षेत्र में एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किया गया कार्य तथा q°परीक्षण आवेश का परिमाण है। |
प्रश्न- रक्त एवं लसीका में अंतर लिखिए।
रक्त (Blood) | लसीका (Lymph) |
1. यह गहरे लाल रंग का ऊतक द्रव है। | 1. यह रंगहीन ऊतक द्रव है। |
2. इसमें लाल रक्त कणिकाएँ उपस्थित होती हैं। | 2. इसमें लाल रक्त कणिकाओं का अभाव होता |
3. इसमें श्वेत रक्त कणिकाएँ कम संख्या में होती हैं। | 3. इसमें श्वेत रक्त कणिकाएँ अधिक संख्या में होती हैं। |
4. इसमें अपशिष्ट पदार्थ कम मात्रा में रहते हैं। | 4. इसमें अपशिष्ट पदार्थ अधिक मात्रा में रहते हैं। |
5. इसमें O2, तथा पोषक तत्व अधिक होते हैं। | 5. इसमें O2, तथा पोषक तत्व कम होते हैं। |
प्रश्न- शुक्राणुजनन तथा अण्डाणुजनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
शुक्राणुजनन (Spermatogenesis | अण्डाणुजनन (Ooganesis) |
1. शुक्राणुजनन वृषण में होने वाली वह क्रिया है, जिसके द्वारा शुक्राणुओं का निर्माण होता है। | 1. अण्डाणुजनन अण्डाशयों में होने वाली वह क्रिया है, जिसके द्वारा अण्डाणुओं का निर्माण होता है। |
2. इसके एक प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से चार शुक्राणु बनते | 2. इसमें एक प्राथमिक ऊसाइट से एक अण्डाणु बनता है। |
3. इसमें ध्रुवीय काय (Polar Bodies) नहीं बनते हैं। | 3. इसमें ध्रुवीय काय (Polar Bodies) बनते हैं। |
4. इससे बने चारों शुक्राणु, जनन या निषेचन में भाग लेते हैं तथा शुक्र कोशिकाएँ छोटी तथा चल होती हैं। | 4. ध्रुव कोशिकाएँ निषेचन में भाग नहीं लेतीं हैं तथा अण्ड कोशिकाएँ बड़ी तथा अचल होती हैं। |
प्रश्न ऑक्सिन और साइटोकाइनिन में क्या अंतर है ?
ऑक्सिन | साइटोकाइनिन |
1. ये वृद्धि हॉर्मोन होते हैं। | 1. ये कोशिका विभाजन के लिए उत्तरदायी होते |
2. यह तनों के अग्रभाग (टिप) में संश्लेषित होते हैं। | 2. ये बीजों तथा फलों में अधिकांश रूप से पाए जाते हैं। |
3. ये जड़ों तथा तने की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। | 3. ये कलियों को बढ़ने में सहायता करते हैं। |
प्रश्न- दूरी तथा विस्थापन में पांच अंतर लिखिए।
उत्तर- दूरी तथा विस्थापन में निम्न अंतर निम्नलिखित हैं-
दूरी | विस्थापन | |
1. | यह किसी समय में वस्तु द्वारा तय किए गए रास्ते की लंबाई के बराबर होती है | यह किसी समय में वस्तु की स्थिति निर्देशांक को अंत के अंतर के बराबर है |
2. | यह एक अदिश राशि है। | यह एक सदिश राशि है। |
3. | यह वस्तु द्वारा तय किए गए रास्ते पर निर्भर करती है। | यह वस्तु द्वारा तय किए गए रास्ते पर निर्भर नहीं करता है। |
4. | दूरी सदैव धनात्मक होती है। | विस्थापन धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों हो सकता है |
5. | गतिमान वस्तु के लिए दूरी शून्य नहीं हो सकती है। | गतिमान वस्तु का विस्थापन शून्य हो सकता है। |
प्रश्न- दूर-दृष्टिता और जरा दूरदृष्टिता में क्या अंतर है?
दूर-दृष्टिता | जरा दूरदृष्टिता |
1. इसमें दूर की वस्तु देख सकते हैं परन्तु पास की नहीं। | 1. इसमें कभी-कभी दोनों प्रकार के दोष निकट दृष्टि तथा दूर-दृष्टि दोष आ जाते हैं। |
2. यह नेत्र गोलक के छोटा होने तथा अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी अत्यधिक होने के कारण होता है। | 2. यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण होता है। |
3. इसके लिए संशोधक लेंस-उत्तल लेंस प्रयुक्त होता है। | 3. इसके लिए संशोधन लेंस-उत्तल लेंस या द्विफोकसी लेंस प्रयुक्त होते हैं। |
