राष्ट्रीय एकता पर निबंध pdf // rashtriya ekta par nibandh // National unity essay // rashtriya ekta nibandh // एकता पर निबंध हिंदी में
राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डताअथवाराष्ट्रीय एकता
भारत में राष्ट्रीयता का आधार-
लोकतंत्र में राष्ट्रीय एकता देश की अखण्डता एवं सार्वभौमिक सत्ता के प्रयोग के लिए हर राज्य की आवश्यकता है। BHARAT की समन्वयवादी नीति एवं राष्ट्रीय एकता का इतिहास बहुत पुराना है। यहां द्रविड़ आर्य, हूण, मंगोल आदि न जाने कितनी जातियाँ आई और अन्त में यहाँ की संस्कृति में रमकर विलीन हो गई।
भारत में विभिन्नता -
भारत विभिन्नताओं का देश है। यहाँ विभिन्न जातियों, नस्लों, धर्म और भाषाओं के लोग निवास करते हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और मिजोरम से तक रंगीन नजारे देखने को मिलते हैं। ऐसा लगता है कि यह कोई देश नहीं, दुनिया है। विभिन्नताओं के सम्बन्ध में यह कहावत प्रसिद्ध है -
"चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर बानी।
बीस कोस पर पगड़ी बदले, तीस कोस पर छानी।"
भारत में एकता-
अन्य देशों में अल्पसंख्यक लोगों का जीवन उतना सुरक्षित नहीं रहता जितना भारत में रहता है। हमारे देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि विभिन्न धर्मावलम्बी रहते हैं, फिर भी वे सब अपने को हिन्द का वासी समझते हैं। देश में भौगोलिक विभिन्नताएँ हैं। इसके बावजूद देश एक है। यहाँ की संस्कृति सबको एक सूत्र में बाँधे हुए है।
राष्ट्रीय एकता के तत्व -
राष्ट्रीय एकता के कुछ मूलभूत आधार हैं। जैसे उत्तर की- अधिकांश भाषाएँ संस्कृत से निकली हैं भारतीय लिपियाँ भी ब्राह्मी लिपि से मिलती-जुलती हैं। भारत के लोग विश्व के अन्य देशों की तरह भौतिकवादी न होकर आध्यात्मिक हैं, अहिंसा के पुजारी हैं, वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव रखते हैं। यह हमारी सांस्कृतिक एवं धार्मिक सहिष्णुता का प्रमाण है। हमारे देश में विभिन्न जातियों के महापुरुषों की पूजा होती है। मेलों-ठेलों में सभी धर्मावलम्बी जाते हैं। दीपावली, मोहर्रम आदि त्यौहार देश भर में समान उत्साह से मनाए जाते। हैं। देश के चारों कोनों पर धार्मिक स्थल हैं यहाँ उत्तर के लोग दक्षिण की यात्रा करते हैं और दक्षिण के लोग उत्तर की। देश में जो विविधताएँ भौगोलिक और जातीय कारणों से हैं। यह वैविध्य बाह्य तौर पर है जिनका एकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
वाघाएँ-
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् जातिवाद, भाषावाद, राजनैतिक दल, प्रशासनिक - भ्रष्टाचार, आरक्षण नीतियाँ और साम्प्रदायिक भेदभाव वर्तमान में भी राष्ट्रीय एकता में बाधक है।' कुछ विघटनकारी शक्तियाँ उनकी आड़ में भारतीयों में वैमनस्य के बीज बोने के लिए तत्पर रहती हैं, इसमें विदेशियों का भी हाथ हो सकता है।
प्रयत्न
राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने के लिए हमें निम्न बाधाओं को दूर करना होगा-
- साम्प्रदायिकता, 2. भाषागत विवाद 3. प्रान्तीयता की भावना
उपसंहार -
अनेकता में एकता भारत की प्रमुख विशेषता है। हमारा देश विशाल है कहा जा सकता है कि भारत की राष्ट्रीय एकता सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक एकता है। वर्तमान में भारत की राष्ट्रीय एकता के मार्ग में विभिन्न बाधाएँ उत्पन्न हो गई हैं। राष्ट्रीय एकता के मार्ग की बाधाओं को दूर किए बिना राष्ट्रीय एकता सर्वोच्च स्तर पर स्थिर नहीं रह सकती।
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