NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 1 Notes mp board

Sachin ahirwar
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जीव जगत NCERT | अध्याय 1 सजीव जगत question answer | कक्षा 11 वीं जीव विज्ञान अध्याय 1 Question Answer |


 अध्याय 1


◆ सजीव जगत ◆


◆ महत्वपूर्ण बिंदु-:


 ●जीवन अमूर्त है जिसकी हम कल्पना तो कर सकते हैं परन्तु उसे देख अथवा छू नहीं सकते।


● जीवन का आधार आण्विक रचना है। हमारे चारों ओर पायी जाने वाली वस्तुओं को हम मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बाँट सकते हैं-सजीव तथा अजीव


● सजीव वह है जिनमें जीवन होता है जबकि अजीवों में जीवन का अभाव होता है। कुछ लोग 'अजीव' वस्तुओं के लिए 'निर्जीव ' शब्द का प्रयोग करते हैं, जो वास्तव में न्यायोचित नहीं है, क्योंकि निर्जीव का अर्थ उन वस्तुओं से होता है जो कभी जीवित थीं, परन्तु अब मृत हैं।


● सजीवों में पाये जाने वाले प्रमुख लक्षण हैं-चलन एवं गति, पोषण, श्वसन, कोशिकीय संरचना एवं शारीरिक संगठन, निश्चित आकृति एवं आकार, जीवद्रव्य, उपापचय, शारीरिक नियन्त्रण व्यवस्था, वृद्धि, उत्तेजनशीलता, प्रजनन तथा अनुकूलन।


●संसार में पाये जाने वाले विभिन्न जीवों के बीच पायी जाने वाली विभिन्नता को जैव विविधता कहते


●संसार में पाये जाने वाले सभी जीवों का अध्ययन करना हमारे लिए लगभग असंभव है। अतः इन्हें अध्ययन की सुविधा के लिए समानताओं एवं विभिन्नताओं के आधार पर विभिन्न वर्गो में बाँटना अर्थात् जीवों को विभिन्न वर्गों / समूहों में क्रमानुसार रखना वर्गीकरण कहलाता है। वर्गीकरण के द्वारा विभिन्न जीव-जातियों के प्राकृतिक सम्बन्धों का बोध होता है।


●जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें विभिन्न जीवों के वर्गीकरण, नामकरण तथा पहचानने में प्रयुक्त विधियों का एवं नियमों का अध्ययन किया जाता है, वर्गिकी (Taxonomy) कहलाती है।

● अरस्तु, जिन्हें जन्तु विज्ञान का पिता कहा जाता है, ने सबसे पहले जन्तुओं का मौलिक वर्गीकरण किया था। इन्होंने जन्तुओं को दो समूहों ऐनैइमा (Anaima) तथा इनैइमा (Enaima) में बाँटा । 


● इनैइमा को पुनः दो उप-समूहों - जरायुज (Vivipara) तथा अण्डयुज (Ovipara) में बाँटा गया।




अति लघु उत्तरीय प्रश्न





प्रश्न 1. जीवन की परिभाषा लिखिए।


उत्तर- जीवन संगठित अणुओं की ऐसी विशिष्ट स्थिति हैं, जिसमें रासायनिक क्रियाशीलता एवं परिवर्तनशीलता पाई जाती है, जिसके फलस्वरूप यह वृद्धि, विकास, संवेदनशीलता तथा प्रजनन आदि को

व्यक्त करता है।


प्रश्न 2. सजीव क्या है?


उत्तर- सजीव वह है, जिनमें जीवन होता है अर्थात् उनमें चलन एवं गति, पोषण, श्वसन, वृद्धि, उत्तेजनशीलता तथा जनन जैसे गुण पाये जाते हैं। 



प्रश्न 3. मृत्यु क्या है?


उत्तर- प्रत्येक जीव का एक निश्चित समय आने पर अन्त होता है, जिससे उसके शरीर में होने वाली सभी जैविक क्रियाएँ समाप्त हो जाती हैं, इसी को हम मृत्यु कहते हैं।


प्रश्न 4. जैव विविधता अथवा जीवों की विविधता से आप क्या समझते हैं?

 उत्तर-संसार में पाये जाने वाले विभिन्न जीवों के बीच पायी जाने वाली विभिन्नता को जैव विविधता कहते हैं।

 

प्रश्न 5. वर्गिकी (Taxonomy) से आप क्या समझते हैं?


उत्तर- विभिन्न जीवों को उनकी समानताओं एवं असमानताओं के आधार पर छोटे-बड़े विभिन्न समूहों

में विभाजित करना उनका वर्गीकरण कहलाता है तथा जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत जीवों के वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है, वर्गिकी कहलाती है।


प्रश्न 6. जीवों को वर्गीकृत क्यों करते हैं?


अथवा


वर्गीकरण की क्या आवश्यकता है?


अथवा


वर्गीकरण के दो उद्देश्य बताइए।


उत्तर- जीवों को वर्गीकृत करने के प्रमुख उद्देश्य हैं


(1) अध्ययन की सुविधा अर्थात् अध्ययन को सरल बनाना।

 (2) विभिन्न जीवों के मौलिक या प्राकृतिक सम्बन्धों को स्पष्ट करना।


प्रश्न 7. जैव- वर्गिकी (Biosystematics) क्या है? 

उत्तर- जीव विज्ञान की वह शाखा, जिसमें जीवों की विभिन्न किस्मों अर्थात, जातियों को इनके वैभिन्न का तथा जातिवृत्तीय सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है, जैव वर्गिकी कहलाती है। 


प्रश्न 8. वर्गिकी संवर्ग से आप क्या समझते हैं?


उत्तर—वर्गीकरण एकल सोपान प्रक्रम नहीं है। इसमें कई पदानुक्रम सोपान होते हैं, जिसमें प्रत्येक सोपाव पद या वर्ग को प्रदर्शित करता है। चूँकि संवर्ग समस्त वर्गिकी अवस्था है, जिसे वर्गिकी संवर्ग कहते हैं।"


प्रश्न 9. वर्गक या टैक्सॉन किसे कहते हैं?


उत्तर- वर्गिकी संवर्ग में प्रत्येक संवर्ग वर्गीकरण की एक इकाई को दर्शाता है, जिसे वर्गक या टैक्सॉन

कहते हैं।



प्रश्न 10. जाति किसे कहते हैं?

 उत्तर- जाति उन जीवों का समूह है, जिनकी आकारिकी, कार्यिकी एवं आवास एक-दूसरे के समान होते हैं एवं इनमें परस्पर रक्त सम्बन्ध होता है। एक जाति के सदस्यों में परस्पर स्वतन्त्र रूप से प्रजनन हो सकता है।


 प्रश्न 11. हरबेरियम से आप क्या समझते हैं?


(2019) 

उत्तर- हरबेरियम पौधों का वह संग्रह है जिसमें पौधों को सुखाकर, दबाकर, कागज की शीटों पर वर्गीकरण की किसी मान्य पद्धति के अनुसार क्रमबद्ध करके भविष्य के सन्दर्भ हेतु अध्ययन के लिए रखा जाता है।


प्रश्न 12. जैविक संग्रहालयों से आप क्या समझते हैं?

 उत्तर- जैविक संग्रहालय ऐसे स्थान हैं, जहाँ दुर्लभ जीवों के प्रारूप भविष्य के सन्दर्भ हेतु अध्ययन के

लिए सुरक्षित रखे जाते हैं। 


प्रश्न 13. वर्गिकी कुंजियाँ क्या हैं?


उत्तर-वर्गिकी कुंजी एक कृत्रिम विश्लेषणात्मक युक्ति है जिसका उपयोग किसी अज्ञात पौधे तथा प्राणी की पहचान में किया जाता है।


 प्रश्न 14. ICBN का पूरा नाम लिखिए।


(2019, 20)


उत्तर- इण्टरनेशनल कोड ऑफ बॉटेनिकल नॉमनक्लेचर। 


प्रश्न 15. NBRI का पूरा नाम लिखिए।


उत्तर- नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट

 ..


लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1. कोशिकीय उपापचय क्या है?


उत्तर- कोशिका में होने वाली विभिन्न प्रकार की जैव-रासायनिक क्रियाओं को कोशिकीय उपापचय कहते हैं। इसके फलस्वरूप ऊर्जा ATP के रूप में उत्पन्न होती है तथा जीवद्रव्य का निर्माण होता है। वे पदार्थ जो इन क्रियाओं में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होते हैं, कोशिका उपापचयी मध्यस्थ पदार्थ कहलाते हैं।


जैसे- कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, वसा आदि।


प्रश्न 2. सजीव और अजीव (निर्जीव) में अन्तर बताइए।

उत्तर सजीव और निर्जीव में अंतर की वीडियो देखें



प्रश्न 3. अनुकूलन क्या है? यह कैसे होता है?


उत्तर- अनुकूलन जीवधारियों की वह क्षमता है जिसके द्वारा वे कालान्तर में ऐसे संरचनात्मक एवं क्रियात्मक लक्षणों का विकास करते हैं, जिनकी सहायता से वह अपने आवास में सफलतापूर्वक जीवन यापन करते हैं.

तथा प्रजनन करके अपनी जाति का अस्तित्व बनाये रखते हैं। कोई भी जीव स्वयं इच्छा करके अपने आवास की परिस्थितियों के अनुकूल अपने अन्दर परिवर्तन नहीं कर सकता। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें किसी एक ही समूह के हजारों-लाखों जीवों में से कोई एक जीव प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सफल होता है तथा उसमें स्वतः अचानक परिवर्तन आ जाते हैं। ऐसा -जीव सफलतापूर्वक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में समर्थ होता है तथा अपनी वंश वृद्धि करता है। इन जीवों की सन्तानों में अनुकूलन के लक्षण वंशानुगत होने के कारण वे भी सफलतापूर्वक नई परिस्थितियों का सामना करते हुए सफल जीवन व्यतीत करते हैं।


प्रश्न 4. अनुकूलन की आवश्यकता क्यों होती है?


उत्तर- कोई भी जीव-जाति यदि सफलतापूर्वक बने रहना चाहती है तो उसे अपने आवास की परिस्थितियों तथा उनमें होने वाले परिवर्तनों के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा, नहीं तो वह कालान्तर में लुप्त हो जायेगी। इसके लिए जीवधारियों को समय-समय पर अपनी रचना एवं क्रिया-कलापों में ऐसे परिवर्तन लाने पड़ते हैं। जिससे वह अपने आवास में अधिक सुविधा से फल-फूल सकें।


 प्रश्न 5. 'मृत्यु जीवन का सकारात्मक पक्ष है', समझाइए ।


उत्तर- प्रत्येक जीव के जीवन चक्र की अन्तिम एवं आवश्यक क्रिया मृत्यु ही है। यह जैवमण्डल के 

पारिस्थितिक तन्त्र का सन्तुलन बनाये रखती है। इसके कुछ प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं, जो इसके सकारात्मक पक्ष को प्रमाणित करते हैं


(1) इसके द्वारा प्रकृति में जीवों की संख्या का सन्तुलन बना रहता है। यदि जीवों की मृत्यु न होती, तो


विभिन्न जीवों की संख्या इतनी अधिक हो जाती कि पूरी पृथ्वी ही उनसे भर जाती।


 (2) इसके द्वारा ऊर्जा एवं द्रव्यों का प्रकृति में सन्तुलन बना रहता है।


(3) इसके द्वारा ही प्रकृति में पारिस्थितिक तन्त्र में विभिन्न तत्वों के चक्रीयकरण की क्रिया का संचालन

होता है। 

(4) त्वचा की ऊपरी सतह की कोशिकाओं के मृत हो जाने से शरीर के आन्तरिक द्रव्यों की रक्षा होती

है।


प्रश्न 6. वर्गीकरण के कोई तीन महत्व बताइए। उत्तर- 

(1) वर्गीकरण द्वारा किसी समूह विशेष का अध्ययन करने पर उस समूह के सभी जीवों के सामान्य

लक्षणों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है।


(2) दो विभिन्न समूहों के बीच परस्पर सम्बन्धों का ज्ञान प्राप्त करने में वर्गीकरण का विशेष महत्व है। 

(3) इसके द्वारा ही जैव विकास को समझने में सहायता मिलती है।


प्रश्न 7. द्विजगत वर्गीकरण क्या है। इसकी प्रमुख कमियाँ बताइए। 

उत्तर- लिनियस ने सम्पूर्ण संसार के जीवों को दो वर्गों -(i) पादप जगत एवं 

(ii) जन्तु जगत में बाँटा था।


जीवों के वर्गीकरण की यह पद्धति द्विजगत वर्गीकरण पद्धति कहलायी। द्विजगत वर्गीकरण की कमियाँ- इस वर्गीकरण की प्रमुख कमियाँ इस प्रकार हैं


(1) एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जीवों को एक साथ रखा गया है।

 (2) इस वर्गीकरण में प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिका वाले जीवों को एक साथ ही रखा गया है।

(3) प्रकाश संश्लेषी एवं अप्रकाश संश्लेषी जीवों को एक साथ रखा गया है। 

(4) जन्तु समूह में कुछ पौधों के समान जीव तथा पादप समूह में कुछ जन्तुओं जैसे जीवों की रखा। गया है।





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