class 10 chapter 5 science question answer in hindi, तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

Sachin ahirwar
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अध्याय 5



तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
(Periodic Classification of Elements)




महत्वपूर्ण बिंदु



◆तत्वों को उनके गुणधर्मों में समानता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। 

◆डॉबेराइनर ने तत्वों को त्रिक में वर्गीकृत किया जबकि न्यूलैंड्स ने अष्टक का सिद्धांत दिया। 

◆मेन्डेलीफ ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम तथा रासायनिक गुणधर्मों के

आधार पर वर्गीकृत किया। 

◆मेन्डेलीफ ने आवर्त सारणी में खाली स्थानों के आधार पर नए तत्वों की भविष्यवाणी की।


◆ तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने से होने वाली विसंगतियाँ, परमाणु संख्या के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने से दूर हो गईं। तत्व के इस आधारभूत गुणधर्म अर्थात् संख्या की खोज मोज्ले ने की। 

◆आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को 18 ऊर्ध्वं स्तंभों, जिन्हें समूह कहते हैं तथा 7 क्षैतिज पंक्तियों जिन्हें आवर्त कहते हैं, में व्यवस्थित किया।


◆एक ही आवर्त के तत्वों में कोशों की संख्या समान होती है किन्तु संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या असमान होती है।


◆इस प्रकार व्यवस्थित तत्व, परमाणु साइज, संयोजकता या संयोजन क्षमता तथा धात्विक एवं अधात्विक अभिलक्षण जैसे गुणधर्मों में आवर्तिता प्रदर्शित करते हैं।

 ◆ आधुनिक आवर्त सारणी में एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा धातुओं को अधातुओं से अलग करती है। इस रेखा पर आने वाले तत्व बोरॉन (B), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), आर्सेनिक (As), ऐण्टिमनी (Sb), टेलुरियम (Te), पोलोनियम (Po) धातुओं एवं अधातुओं दोनों के गुणधर्मो को प्रदर्शित करते हैं। इस कारण इन्हें उपधातु (Metalloid) भी कहते हैं।.    



पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर



प्रश्नोत्तर


    



प्रश्न 1. क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं ? तुलना करके पता कीजिए।


उत्तर - हाँ, डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं। जैसे - Li, Na, K डॉबेराइनर के त्रिक हैं परन्तु ये न्यूलैंड्स के अष्टक के दूसरे स्तम्भ में भी मौजूद हैं।


प्रश्न 2. डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?

 उत्तर- डॉबेराइनर के वर्गीकरण की निम्न सीमाएँ हैं - 


1. उस समय ज्ञात सभी तत्वों का वर्गीकरण डॉबेराइनर के त्रिक के आधार पर नहीं हो सका। 

2. इनके तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में ऊपर से नीचे की ओर व्यवस्थित किया गया है।

3. डॉबेराइनर केवल तीन तत्वों के त्रिक को उस समय पहचान सके। यही कारण है कि डॉवेराइनर के त्रिक को मान्यता प्राप्त नहीं हुई।


 प्रश्न 3. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ है?


अथवा


न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की दो सीमाएँ लिखिए। (म.प्र. 2019) 



उत्तर- 1. यह नियम केवल Ca तक के परमाणु भार वाले तत्वों को वर्गीकृत कर पाता है। इसके बाद आठवीं तत्व प्रथम तत्व के गुणधर्मों से समानता प्रदर्शित नहीं करता है।


2. न्यूलैंड्स ने माना कि केवल 56 तत्व ही संभव हैं, अन्य तत्वों का आविष्कार नहीं हो सकता।


 3. न्यूलैंड्स के अष्टक में कुछ ऐसे भी तत्व हैं जिनके गुणों में समानता नहीं पाई जाती है। उदाहरण के लिए कोबाल्ट एवं निकिल इकट्ठे हैं तथा इन्हें एक साथ उसी स्तम्भ में रखा गया है जिसमें फ्लोरीन एवं क्लोरीन हैं।



प्रश्न 3. मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया?


उत्तर- (i) उन्होंने तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के क्रम में सजाया । 

(ii) उन्होंने समान गुण वाले तत्वों को एक समूह में रखने का प्रयास किया। 

(iii) तत्वों के हाइड्राइड्रों एवं ऑक्साइडों के अणु सूत्रों को एक आधारभूत गुण मानकर तत्वों का वर्गीकरण


प्रश्न 4. आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया ?


उत्तर- उत्कृष्ट या अक्रिय गैसों को अलग समूह में रखा गया क्योंकि -

 (i) ये गैसें बहुत ही अक्रियाशील होती हैं एवं इनकी खोज बहुत बाद में हुई।

(ii) इन गैसों को एक नये समूह में बिना आवर्त सारणी को छेड़-छाड़ किए हुए रखा गया।



प्रश्न 1. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया? 


उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा निम्न प्रकार से मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया - 

1. आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का प्रथम समूह में तर्क संगत स्थान है क्योंकि हाइड्रोजन विद्युत धनात्मक होता है तथा यह क्षार धातुओं से समानता रखता है।


2. आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके बढ़ते हुई परमाणु संख्या के क्रम में रखा गया है इसलिए किसी तत्व के समस्थानिकों को तत्व के साथ उसी स्थान पर आवर्त सारणी में रखा गया है।


3. यह विभिन्न तत्वों के रासायनिक गुणों की समानताओं, असमानताओं तथा उन गुणों में क्रमिक परिवर्तन को स्पष्ट रूप में दर्शाती है।

4. भारी एवं हल्के तत्वों का क्रम भी आधुनिक आवर्त सारणी में सही है जो मेन्डेलीफ के आवर्त सारणी में नहीं था। 

5 अक्रिय या उत्कृष्ट गैसों का स्थान भी तर्क संगत 18वें समूह में है।


प्रश्न 2. मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है ?


उत्तर- कैल्सियम (Ca) एवं बेरियम (Ba) क्योंकि

1. ये दोनों तत्व मैग्नीशियम समूह के हैं।

2. इन दोनों तत्वों में मैग्नीशियम की तरह 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं।



प्रश्न 8. तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या संबंध है ? 


उत्तर- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तत्वों की आवर्त सारणी में स्थिति से संबंधित होता है क्योंकि आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर व्यवस्थित किया गया है। बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की समूह संख्या को सूचित करती है तथा बाह्यतम कोश संख्या उस तत्व की आवर्त को सूचित करता है।



अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर



प्रश्न एक शब्द में उत्तर दीजिए।


1. दो उपधातु के नाम लिखिए।


उत्तर- (i) आर्सेनिक (As) (ii) ऐण्टीमनी (Sb)।


 2. उत्कृष्ट गैसों के नाम लिखिए।


उत्तर - हीलियम (He), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar ), क्रिप्टॉन (Kr), जीनॉन (Xe), रेडॉन (Rn) । 


3. आवर्त सारणी में व्यवस्था का भौतिक आधार क्या है?


उत्तर- आवर्त सारणी में तत्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अनुसार रखा गया है।


4. समस्थानिकों का एक गुण लिखिए। 


उत्तर- समस्थानिकों के रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं लेकिन उनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न होते हैं।


5. संयोजकता को परिभाषित कीजिए।


(म.प्र. 2019)


उत्तर- किसी तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन या अन्य तत्व के परमाणु जितने परमाणुओं के साथ संयोग करता है वह संख्या उस तत्व की संयोजकता होती है।


6. उस अक्रिय गैस का नाम लिखिए जिसके बाह्यतम कोश में अन्य अक्रिय गैसों के समान इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं? 

उत्तर - उस अक्रिय गैस का नाम हीलियम है इसके बाह्य कोश में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं परन्तु अन्य सभी अक्रिय गैसों के बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं।



अति लघु उत्तरीय प्रश्न



प्रश्न- आवर्त सारणी के आवर्त में परमाणु आकार कैसे परिवर्तित होता है?


उत्तर- आवर्त सारणी के आवर्त में परमाणु आकार बाएँ से दाएँ कम होता है, क्योंकि नाभिकीय आकर्षण बढ़ता जाता है। 


प्रश्न- Na तथा Na+ में किसका आकार बड़ा है और क्यों?

 उत्तर- Na का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है अर्थात् इसमें तीन कोश हैं। एक इलेक्ट्रॉन खोकर यह Na+ में बदल जाता है, जिसमें दो ही कोश होते हैं। अतः Na का आकार Na+ से अधिक है।


प्रश्न- न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत क्या है?


उत्तर- न्यूलैंड्स ने तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में इस किया कि प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान है। प्रकार व्यवस्थित


प्रश्न- परमाणु साइज किसे कहते हैं? 


उत्तर- परमाणु साइज से परमाणु की त्रिज्या का पता चलता है, एक स्वतंत्र परमाणु के केन्द्र से उसके सबसे बाहरी कोश की दूरी को परमाणु साइज कहते हैं।


प्रश्न- किसी आवर्त में इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रवृत्ति किस प्रकार बदलती है?


उत्तर- इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रवृत्ति आवर्त में घटती जाती है, क्योंकि संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर किया जाने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है।


प्रश्न- मेंडलीफ के आवर्त सारणी की विसंगतियाँ किस आवर्त सारणी से दूर हुईं?


उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी में जब तत्वों को उसके बढ़ते हुए परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित किया गया तो मेंडेलीफ की सारणी की तीनों कमियाँ दूर हो गईं। 


प्रश्न- आधुनिक आवर्त सारणी के पहले समूह के तत्वों के किन्हीं दो गुणधर्मों की सूची बनाइए ।


उत्तर- (i) सभी तत्वों की संयोजकता 1 है।

(ii) समूह में नीचे जाने पर धात्विक अभिलक्षण में वृद्धि होती है।।


प्रश्न मेंडेलीफ की आवर्त सारणी के दोष (कमियाँ) बताइए।


उत्तर मेडेलीफ की आवर्त सारणी के दोष (कमियाँ)


(i) हाइड्रोजन का स्थान निश्चित नहीं था।

(ii) समस्थानिकों का कोई स्थान नहीं था।

(iii) कुछ ऐसे तत्व जिनका परमाणु द्रव्यमान अधिक है परन्तु उन्हें कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्वों से पहले रखा गया है।


प्रश्न- किसी ग्रुप (समूह) में इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रवृत्ति क्यों बदलती है?


उत्तर- चूँकि समूह में नीचे आने पर नाभिक द्वारा संयोजकता इलेक्ट्रॉनों पर प्रभावी नाभिकीय अविश घटता है इसलिए वे सुगमतापूर्वक इलेक्ट्रॉन का परित्याग कर पाते हैं क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं।


प्रश्न- तत्वों के वर्गीकरण की क्यों आवश्यकता पड़ी ? 

उत्तर- आज तक 114 तत्वों की खोज हो चुकी है। इन तत्वों एवं इनके यौगिकों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के क्रमबद्ध अध्ययन के लिए तत्वों के वर्गीकरण की आवश्यकता पड़ी है।



प्रश्न- किस कारण से वैज्ञानिकों को तत्वों के वर्गीकरण की आवश्यकता हुई ? 

उत्तर- उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में कुछ ऐसे तत्वों की जानकारी हुई जिनके गुण आपस में समान थे। जैसे- F, Cl, Br, I इत्यादि। इस कारण वैज्ञानिकों ने तत्वों को उनके गुणों के आधार पर वर्गीकृत किया।


प्रश्न- तत्वों के गुणों में किस प्रकार की समानता न्यूलैंड्स ने पाई थी ?

 उत्तर- तत्वों के गुणों का अध्ययन करते समय न्यूलैंड्स ने पाया कि जिस प्रकार संगत में 8वाँ सुर प्रथम सुर के समान होता है ठीक उसी प्रकार यदि तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के क्रम में सजाएँ तो आठवें तत्व के गुण प्रथम तत्व के गुण के समान होते हैं।


प्रश्न - डॉबेराइनर के त्रिक की क्या सीमाएँ हैं ? 

उत्तर- 1. इस प्रकार के वर्गीकरण से केवल कुछ तत्वों का वर्गीकरण ही संभव हो सका। 

2. त्रिक के कुछ तत्वों के गुण विभिन्न होते हैं।



लघु उत्तरीय प्रश्न



प्रश्न- न्यूलैंड्स अष्टक नियम की क्या सीमाएँ हैं


उत्तर- 1. यह नियम कुछ तत्वों के वर्गीकरण तक ही सीमित है।

 2. उच्च परमाणु द्रव्यमान वाले तत्वों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है।

3. कुछ ऐसे तत्व जिनके गुण असमान हैं फिर भी उन्हें एक ही सुर वाले समूह में रखा गया है।


प्रश्न मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी बाद में कैसे परिवर्तित हो गई ? 

उत्तर- मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में त्रुटियों के कारण यह माना गया कि तत्वों का वर्गीकरण परमाणु द्रव्यमान के आधार पर उचित नहीं था। मोसले के कार्यों के बाद यह साबित हुआ कि तत्वों के गुण परमाणु संख्या के आवर्त फलन होते हैं अर्थात् परमाणु संख्या परमाणु द्रव्यमान से अत्यधिक उपयुक्त मौलिक गुण है। अतः बाद में मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी को बदलना पड़ा।


प्रश्न- मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली जगह क्यों छोड़ी थी ?


उत्तर- मेन्डेलोफ ने तत्वों के गुणों को महत्वपूर्ण मानकर उनका वर्गीकरण किया। इसलिए उन्होंने एक समान गुण वाले तत्वों को एक साथ एक समूह में रखने की कोशिश की। यही कारण था कि आवर्त सारणी में बहुत खाली स्थान छूट गए जिनके लिए उस समय तत्वों की जानकारी

नहीं हो पायी थी


प्रश्न- आवर्त सारणी के विशिष्ट लक्षणों को लिखिए। 


उत्तर-  आवर्त सारणी के विशिष्ट लक्षण निम्न प्रकार हैं-


(i) पहले की तुलना में तत्वों को विशेष प्रकार से समूहों एवं आवतों में रखा गया।

 (ii) इस प्रकार के वर्गीकरण से बहुत सारे तत्वों के गुणों का अनुमान लगाया गया।

 (iii) बहुत से तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों में संशोधन किया गया। (जैसे-PL, Au), (iv) नये तत्वों की खोज की संभावना बढ़ी एवं नए तत्वों की खोज भी हुई।


प्रश्न "आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों की परमाणु संरचना पर आधारित है।" इस कथन की पुष्टि करें।


उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के परमाणु संख्या पर आधारित है। परमाणु संख्या बढ़ने से समान तरह की परमाणु संरचना की पुनरावृत्ति होती है अर्थात् अंतिम कक्षा में समान इलेक्ट्रॉन वाले तत्व प्राप्त होते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु संरचना पर आधारित है।


प्रश्न- आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर जाने पर परमाणु संख्या बढ़ती है, परन्तु परमाणु त्रिज्या क्यों घटती है?


उत्तर - चूँकि किसी आवर्त में मौजूद तत्वों में कोशों की संख्या समान होती है, इसलिए आवर्त में इलेक्ट्रॉन एक-एक कर एक ही ऊर्जा कोश में भरता है। प्रत्येक इलेक्ट्रॉन के भरने के साथ-साथ नाभिक का आवेश 1 यूनिट बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनों का आकर्षण नाभिक की ओर लगातार बढ़ता जाता है। इस तरह परमाणु त्रिज्या घट जाती है अर्थात् बाई ओर से दाई ओर जाने पर परमाणु आकार धीरे-धीरे घटता जाता है, क्योंकि नाभिक में आवेश बढ़ने पर यह इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर खींचता है।


प्रश्न - धनायन अपने संगत उदासीन परमाणु से छोटा एवं ऋणायन अपने संगत उदासीन परमाणु से बड़ा होता है, क्यों? समझाइए ।


उत्तर- जब कोई परमाणु कुछ इलेक्ट्रॉन त्यागता है तो धन आयन प्राप्त होता है। इस क्रिया में सामान्यतः परमाणु का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक कोश समाप्त हो जाता है तथा नाभिक पर प्रोटॉनों की संख्या संगत इलेक्ट्रॉनों की संख्या से अधिक हो जाती है। इस कारण इलेक्ट्रॉन व नाभिक के मध्य आकर्षण बल बढ़ जाता है, जिससे धन आयन का आकार संगत उदासीन परमाणु से छोटा होता है। इसके विपरीत जब कोई परमाणु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है तो ऋण आयेन प्राप्त होता है। इस क्रिया में नाभिक आवेश तो वही रहता है परन्तु एक ही कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे प्रभावी आकर्षण बल घट जाता है। अतः ऋण आयन का आकार संगत परमाणु से बड़ा होता है।


प्रश्न- तत्वों के गुणों में आवर्तता का क्या कारण है ?


उत्तर - तत्वों की परमाणु संख्या बढ़ने से एक निश्चित अन्तराल के बाद बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉन की समान संख्या वाले तत्वों की पुनरावृत्ति होती है। चूँकि तत्वों के गुण अंतिम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या पर निर्भर करते हैं। अतः तत्वों के गुणों में आवर्तता होती है। उदाहरण- प्रथम समूह के तत्वों के लिए


Li- 2,1 

Na - 2, 8, 1

K- 2,8,8,1


यहाँ सभी तत्वों की अंतिम कक्षा में 1 इलेक्ट्रॉन है। अतः इनके गुणों में समानता पाई जाती है।


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